दोनों हाथ गवां चुके इस शख्स ने जीता Master ब्लास्टर का दिल, ऐसे बदली जिंदगी
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अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले के थुपतेन त्सेरिंग ने दुनिया के सामने मिसाल कायम की है। 25 वर्षीय थुपतेन त्सेरिंग ने यह साबित किया है कि दोनों हाथ न होने के बावजूद भी वे चुनौतियों से नहीं घबराते। थुपतेन त्सेरिंग जब पांच वर्ष के थे, तब एक हादसे में अपने दोनों हाथ गंवा बैठे। इस हादसे के बाद वे खुद को लाचार महसूस करने लगे थे। त्सेरिंग को साल 2000 में अरुणाचल के एक अनाथ स्कूल मंजूश्री विद्यापीठ ने गोद ले लिया। पढ़ाई-लिखाई के साथ थुपतेन को योग की शिक्षा दी गई। दस वर्ष पहले थुपतेन पहली बार ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में पहुंचे। इस दौरान योगाचार्यों के सानिध्य में उन्होंने योग को ऐसा आत्मसात किया कि जिंदगी ही एक नई राह पर चल पड़ी। कर्म के आगे लाचारी ने टेके घुटने थुपतेन भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि अगर उनकी जिंदगी में योग नहीं होता तो दुनिया की भीड़ में वह कहीं खो जाते, लेकिन योग ने उनकी जिंदगी को मोड़ दिया आैर आत्मविश्वास पैदा किया। थुपतेन बताते हैं कि योग को जीवन में उतारने के बाद उन्हें स्वयं की शक्ति का अहसास हुआ और दिव्यांगता को ही अपनी ढाल बनाने की प्रेरणा मिली। उन्हाेंने अपनी कमजाेरी को ही अपनी ताकत बनार्इ। फिर क्या था, कर्म के आगे लाचारी भी घुटने टेक गई।हाथ की बदौलत मिली पहचानआजथुपतेन वे सारे काम कर लेते हैं जो एक सामान्य इंसान करता है। छोटे से लेकर हर बड़ा काम वे आसानी से कर लेते हैं। वह चाहे सुर्इ में धागा डालना हो या वाहन चलाना। उनका कहना है कि मेरे यह हाथ ही मेरे सबसे बड़े हाथियार हैं। इन्हीं की बदौलत मुझे एक अलग पहचान मिली। लिखने-पढ़ने के अलावा पेंटिंग व कुकिंग मेरा सबसे पसंदीदा शौक है। थुपतेन अब तक चार बार अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में शिरकत कर चुके हैं। इस बार वह अनाथ आश्रम मंजूश्री विद्यापीठम के 21 बच्चों व तीन शिक्षकों के दल के साथ अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में पहुंचे हैं। उनका मानना है कि जीवन में यदि कुछ कर गुजरने की ठान लो तो बड़ी से बड़ी बाधा भी आपका रास्ता नहीं रोक सकती। थुपतेन की इस जीवटता को देख विदेशी योग साधक भी हैरान हैं और उनकी हिम्मत और लगन को सलाम कर रहे हैं। अपनी जादुई आवाज से जीता था सचिन तेंदुलकर का दिलरियलिटी टीवी शो इंडियन आइडल के सीजन-9 में थुपतेन भले ही जीत हासिल नहीं कर पाए, मगर उन्होंने हारकर भी पूरे देश का दिल जीत लिया। दोनों हाथ न होने के बावजूद थुपतेन ने इंडियन आइडल के टॉप-24 में पहुंचकर सभी का ध्यान आकर्षित किया। थुपतेन की जादुई आवाज के साथ उनके जोश एवं जज्बे ने महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का दिल भी जीत लिया था। सचिन ने स्वयं इंडियन आइडल के मंच पर आकर थुपतेन की जिंदादिली को सलाम करते हुए उन्हें रियल हीरो के नाम से पुकारा। थुपतेन ने बताया कि वह वर्तमान में गंधर्व महाविद्यालय दिल्ली में संगीत की शिक्षा ले रहे हैं।
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