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यहां जान बूझकर छिपाई जाती है महिलाओं की खुबसूरती, करते हैं ऐसा काम


खूबसूरती अगर है तो दिखाने में क्या समस्या है। लेकिन नार्थ र्इस्ट में एक एेसी जगह है जी हां खूबसूरती छिपाने की परंपरा है। जी हां सही सुना आपने खूबसूरती छिपाने की परंपरा। Arunachal pradesh के अपातानी कबीले में है खूबसूरती छुपाने की परंपरा, देखें तस्वीरेंअपातानी कबीले की महिलाएं नाक में जेवर के बजाए लकड़ी की एक मोटी बाली जैसी पहनती हैं। आमतौर पर आभूषण सुंदरता को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होते हैं, लेकिन अपातानी समुदाय की महिलाएं सुंदरता को छुपाने के लिए ऐसा करती हैं। एेसा बताया जाता है कि अपातानी कबीले की महिलाएं अपनी सुंदरता के लिए मशहूर थीं। ये इतनी ज्यादा खूबसूरत हुआ करती थीं कि पुराने समय में कई बार दूसरे समुदाय के पुरुष अपातानी महिलाओं का अपहरण भी करते थे। एक बुजुर्ग अपातानी महिला के मुताबिक अपहरण से बचने के लिए महिलाओं से नाक में लकड़ी पहनना शुरू किया। तब से ये समुदाय के लिए एक परंपरा जैसा हो गया आैर एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक यह रिवाज पहुंचा। इस रिवाज को अपनाने वाली महिलाओं को स्थानीय समाज में सम्मान मिलता था। लेकिन 1970 के दशक के बाद धीरे धीरे यह परंपरा खत्म होने लगी है। बता दें कि अरुणाचल प्रदेश के सबसे ऊंचे जिले में रहने वाला अपातानी कबीला कृषि के जबरदस्त तरीकों के लिए भी मशहूर हैं। बेहतरीन पर्यावरण संतुलन के चलते ही यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर का दर्जा भी दिया। ये मछली खेतों में छोड़ी जाती है। अपातानी घाटी में मछली पालन काफी प्रचलित है। यहां के लोग मछली, बांस, चीड़ और कृषि में संतुलन साध चुके हैं। जून और जुलाई में खेतों में छोड़ी जाने वाली ये मछलियां सितंबर व अक्टूबर में पकड़ी जाती हैं। लेकिन ये परंपरा धीरे धीरे अब समाप्त होती जा रही है अब अपातानी की ज्यादातर महिलाएं नाक में बड़े छेद कर लकड़ी की बाली नहीं पहनती। ये परंपराएं अब सिर्फ कबीले के बुजुर्गों में दिखाई पड़ती हैं।

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