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World Physiotherapy Day: इन समस्याओं में कारगर होती है फिजियोथेरेपी


फिजियोथेरेपी एक चिकित्सा विज्ञान है जिसमें चोट, शारीरिक दर्द और बीमारियों के इलाज के लिए मसाज, व्यायाम और खास तरह की मशीन आदि का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा रोगी ही नहीं, बल्कि स्वस्थ व्यक्ति भी चुस्त-दुरुस्त रहने के लिए फिजियोथेरेपी की मदद ले सकते हैं। क्योंकि इसके दुष्प्रभावों की संभावना भी कम होती है।यह भी पढ़ें- केंद्र सरकार ने NSCN(K) निकी समूह के साथ संघर्ष विराम बढ़ायाकई समस्याओं निवारण के लिए भी फिजियोथेरेपी की जा सकती है। उदाहरण के लिए किसी तरह की चोट, पुरानी बीमारी, शारीरिक अक्षमता, शारीरिक गतिविधि में सुधार लाने, शारीरिक दर्द, मांसपेशियों की ऐंठन, जोड़ों के दर्द या अकड़न से राहत पाने के लिए फिजियोथेरेपी की जाती है। इसके अलावा, फ्रैक्चर और व्यायाम या फिर खेल के दौरान आया खिंचाव आदि के उपचार के लिए भी फिजियोथेरेपी की मदद ली जा सकती है।फिजियोथेरेपी हर उम्र के लोग करवा सकते हैं। अगर किसी युवा या फिर बुजुर्ग को स्लिप डिस्क, अर्थराइटिस जैसी बीमारियां हैं, तो वे फिजियोथेरेपी ले सकते हैं। वहीं, गलत पॉश्चर और खेलकूद में लगने वाली चोट या फिर मांसपेशियों में खिंचाव के लिए भी फिजियोथेरेपी ली जा सकती है। इसके अलावा, बच्चों के शारीरिक विकास के लिए भी फिजियोथेरेपी ले सकते हैं।अगर आप फिजियोथेरेपी लेने जा रहे हैं, तो टाइट कपड़े न पहनें, ताकि एक्सरसाइज या फिर मशीन लगाने में कोई दिक्कत न हो। इसके अलावा, पेट भरकर खाना खाकर न जाएं। इसके साथ ही फिजियोथेरेपी से पहले आपका हाइड्रेट रहना भी महत्वपूर्ण है। अगर फिजियोथेरेपी को लेकर आपकी कोई उलझन है तो उसके बारे में आप अपने फिजियोथेरेपिस्ट को बता सकते हैं। इसके साथ-साथ आप उनकी सलाह जरूर मानें।फिजियोथेरेपी के अनेक प्रकार हैं, जिसमें एक्सरसाइज, हीट थेरेपी, कोल्ड थेरेपी, इलेक्ट्रोथेरेपी, स्पोर्ट्स थेरेपी, वुमन हेल्थ थेरेपी, कार्डियोवैस्कुलर फिजियोथेरेपी, न्यूरोमस्कुलोस्केलेटल फिजियोथेरेपी, आर्थोपेडिक फिजियोथेरेपी और बाल चिकित्सा फिजियोथेरेपी आदि शामिल हैं। फिजियोथरेपी हर चोट, शारीरिक दर्द और बीमारी आदि के लिए अलग-अलग होती है। ऐसे में मरीज की स्थिति को देखकर ही फिजियोथेरेपिस्ट अलग-अलग तकनीक का इस्तेमाल करते हैं।यह भी पढ़ें- कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों के लिए समिति गठितफिजियोथेरेपी लेने के बाद व्यक्ति के लिए फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है। सेशन के बाद रोजाना कुछ एक्सरसाइज करने को कहा जाता है, तो उसे रोजाना करना चाहिए। इसके साथ-साथ आराम पर भी ध्यान देना होता है और पर्याप्त पानी पीना जरूरी हो जाता है।

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