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तबलीगी जमात का खुलेगा काला चिट्ठा, बताने होंगे फंडिंग के स्रोत


तबलीगी जमात और इसके निजामुद्दीन मरकज की करतूतों के कारण दूर-दूर तक कोरोना का संक्रमण हद से ज्यादा बढ़ा गया है जिससे कारण से देश की हालात खराब हो गए हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें तब्लीगी जमातियों ने अस्पताल में नर्सों से बहुत गंदी हरकत की है जिसके चलते उनपर कर्यावाही की गई है। इसी कारण से जमातियों पर प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है। दिल्ली पुलिस ने मरकज के मौलाना साद कंधालवी समेत तबलीगी जमात की कोर कमेटी के सात सदस्यों को नोटिस जारी किया है। पुलिस टीम से कहा गया है कि वे छानबीन के दौरान किसी भी अहाते में घुसने से पहले एहतियात बरतें क्योंकि संभव है कि ये सातों भी कोविड-19 से पीड़ित हों। बता दें कि पुलिस ने उनसे आलमी मरकज और इसके निजामुद्दीन स्थित मुख्यालयों की फंडिंग के स्रोत की जानकारी मांगी है। पुलिस इसकी भी जानकारी इकट्ठा कर रही है कि जमात ने पिछले तीन सालों में कितना टैक्स भरा है, उसके बैंक खातों में कहां-कहां से कितने पैसे आए हैं, इन सब डीटेल्स पर पैनी नजर रखे हुए हैं। जांच के दौरान मरकज के मेंबरों से पूछा गया है कि क्या उन्होंने इतने बड़े आयोजन के लिए प्रशासन की अनुमति ली थी या नहीं, क्या उन्हें इसकी लिखित अनुमति दी गई थी या नहीं और क्या आलमी मरकज ने प्रशासन से किसी और मामले में संपर्क किया था या नहीं? जानकारी मिली है कि मौलाना साद और उनकी कोर कमिटी के सदस्यों को यह भी बताना होगा कि क्या कोई श्रद्धालु कार्यक्रम के दौरान वहां बीमार भी पड़ा था और आलमी मरकज ने लोगों को निकालने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए थे, खासकर देशव्यापी लॉकडाउन घोषित होने के बाद। दरअसल, पुलिस यह पता लगाने में भी जुटी है कि मरकज से कितने लोगों को दिल्ली की दूसरी मस्जिदों या फिर घरों में शिफ्ट किया गया।

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