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मुख्यमंत्री के इस बंगले पर है भूतों का साया, जो भी गया वापस जिंदा नहीं लौटा


भूत प्रेत पर भले ही कुछ यकीं ना करें लकिन खुद गीता में भगवन श्री कृष्ण ने यह कहा है इस धरती पर अगर इंसान है तो आत्मा भी है... और यहां कारण है की कई बार हम माने या ना माने लेकिन कुछ ऐसी घटनाएं हो ही जाती है जो एक बार को हमारी सोच को हिला कर रख देती हैं। और हमें ये मैंने पर मजबूर कर देती हैं की इस धरती पर कहीं ना कहीं इन आत्माओं का भी वास है जी हां आज हम आपको कुछ ऐसा ही किस्सा बताने जा रहे हैं जिसको जानकर आप भी सोच में पड़ जायेंगे की की ये सच है या मात्र एक संयोग। ये घटना घटी है अरुणाचल प्रदेश के सीएम हाउस में जहां की राजधानी ईटानगर के नीति विहार इलाके में बने इस दो मंजिला सीएम बंगले में सबसे पहले मुख्यमंत्री के तौर पर दोर्जी खांडू रहने आए थे| बंगला बनने के कुछ ही महीनों बाद उन्होंने यहाँ शिफ्ट किया था, लेकिन 2011 में वे एक हेलीकाप्टर हादसे में मारे गए। खांडू की मौत के बाद मई 2011 में जारबम गामलिन प्रदेश के मुख्यमंत्री बने पर इस बंगले में रहते हुए उनका भी लगातार दिक्कतों से सामना होता रहा। नबाम तुकी के समर्थकों द्वारा गामलिन की नियुक्ति के विरोध में महीने भर चली हिंसा की वजह से अक्टूबर में गामलिन को इस्तीफा देना पड़ा। वे महज कुछ महीनों के लिए ही सत्ता पर काबिज रह पाए। नवंबर 2014 में बीमारी के चलते उनकी मौत हो गई।नबाम तुकी एक बार फिर सत्ता पर काबिज हुए, लेकिन इस बार उन्हें अपनी ही पार्टी के विधायकों की बगावत झेलनी पड़ी और फरवरी में उनके हाथ से सत्ता चली गई। ऐसे में कालिखो पुल सत्ता में आए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक बार फिर नबाम तुकी को सत्ता तो मिली लेकिन उन्हें दोर्जी खांडू के पुत्र पेमा खांडू को अपना पद सौंपना पड़ा| इधर सत्ता हाथ से जाने के कुछ समय बाद कल कालिखो पुल ने आत्महत्या कर ली। इन सभी घटनाओं पर नजर डाले तो सीएम के सरकारी बंगले और वास्तुशास्त्र के बीच किसी ना किसी संबंध का एहसास जरुर होता है लेकिन ये सवाल आज तक एक पहेली बना हुआ है ऐसी घटना सिर्फ एक हादसा थी या इसके पीछे सच में कोई बुरी शक्ति है या वास्तुदोष।

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