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इस मामले में चीन और जर्मनी से भी आगे निकला भारत, पढ़ें पूरी खबर

साल 2019 की शुरुआत हो चुकी है और इसको देखते हुए देश और दुनिया की जानी-मानी कार निर्माता कंपनियां अपनी नई कारें लॉन्च करने का प्लान कर रही हैं। नए साल की शुरुआत में चीन में ऑटोमोबाइल की बिक्री घटी है, जिसकी वजह से ग्लोबल बाजार 10 सालों में सबसे मंदा हो सकता है। अब भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार सही रफ्तार से चल रहा है। आईएचएस मार्केट ने बताया कि साल 2018 में भारतीय बाजार ने 8.6 प्रतिशत की ग्रोथ की और लगभग 40 लाख से अधिक कारें बिकी हैं। वहीं चीन और जर्मनी में बीते साल बिक्री घटी है और अमेरिका और जापान में बिक्री सामान्य रही।

भारत में फाइनेंस, इंश्योरेंस कॉस्ट और ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद बिक्री में किसी तरह का कोई घाटा नहीं देखा गया है। भारत में 2017 के मुकाबले ज्यादा तरक्की हासिल की है। इसी के साथ 2017 में 8.2 प्रतिशत की ग्रोथ देखी गई थी। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री 2009 के बाद सबसे निचली स्थिति पर नजर आ रही है। बीते साल भारत रूस और ब्राजील से आगे रहा और ये दोनों देश ऑटो बाजार में 12 से 14 प्रतिशत की ग्रोथ तय कर सकते हैं। इस साल भारत उत्पादन में 7.5 प्रतिशत की ग्रोथ कर सकता है और इस साल 48 लाख से अधिक कारें बन सकती हैं और 40 लाख यूनिट्स से ज्यादा बेची जा सकती हैं। टोयोटा और फॉक्सवैगन जैसी कार निर्माता कंपनियां इससे ज्यादा निवेश करने के लिए मजबूर होंगी। 2019 में भारतीय ऑटोमोबाइल मार्केट में कई चुनौतियां हो सकती हैं। अब कारों को बीएस VI इंजन पर शिफ्ट होना होगा और सुरक्षा के नियमों का भी पालन करना होगा। इस साल भारत में मारुति सुजुकी वैगनआर, टाटा टियागो एक्सजेड, फोर्ड फिगो फेसलिफ्ट, हुंडई ग्रैंड आई10, टाटा 45एक्स प्रीमियम हैचबैक को साल 2019 के अंत तक लॉन्च करेगी। हुंडई ग्रैंड आई10 को टेस्टिंग के दौरान कई बार देखा गया है। इस कार को अगले साल अक्टूबर में लॉन्च किया जा सकता है।



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