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World Aids Day 2018: सिक्किम में 445 लोग HIV पॉजिटिव, 175 का हो रहा उपचार


मौत के खौफ का दूसरा नाम है एड्स आैर दुनियाभर में एक दिसंबर को एड्स डे के नाम से जाना जाता है। इस दिन का मकसद लोगों को इस बीमारी के प्रति आैर इस बीमारी से जुड़े लक्षणों के प्रति जागरूक करना है। इस दिन की शुरुआत James W. Bunn और Thomas Netter ने 1988 में की थी। इस दिन को शुरू करने का उद्देश्य लोगों को HIV के प्रति जानकारी देना था। 445 एचआइवी पॉजिटिवपूर्वोत्तर भारत का सिक्किम राज्य, जहां 445 एचआइवी पॉजिटिव हैं। इनमें से 175 रोगियों का बेहतर इलाज हो रहा है। वे पूरी तरह स्वस्थ हैं। यह जानकारी सिक्किम स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के योजना निदेशक डॉ. उत्तम प्रधान ने दी है। एड्स की पहचान कराने के लिए आगे आने की अपीलपत्रकारों से डॉ प्रधान ने कहा कि बेहतर इलाज के कारण ही 175 को जीवनदान मिला है। इनमें से कई मरीज अब लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए सामने आ रहे हैं। आज एड्स दिवस पर शनिवार को ऐसे मरीजों का अभिनंदन किया जाएगा। उन्होंने लोगों से स्वेच्छा से रक्त जांच के जरिए एड्स की पहचान कराने के लिए आगे आने की अपील की। कहा कि इस बीमारी के फैलने का मुख्य आधार लोगों में जानकारी का अभाव ही है।गलत धारणा रोग नियंत्रण में मुख्य बाधाहालांकि, लोगों में लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इससे लोग एड्स व एचआइवी जांच के लिए खुल कर सामने आने लगे हैं। सिक्किम छोटा राज्य है यहां रोगियों की पहचान आसान है। रोग पर नियंत्रण के लिए जानकारी दी जा रही है। समाज में व्याप्त गलत धारणा रोग नियंत्रण में मुख्य बाधा है।साल की थीम Know Your Status बता दें कि हर साल इस दिन को एक थीम दी जाती है। इस साल की थीम Know Your Status है। 2017 में वर्ल्ड AIDS डे की थीम My Health, My Right थी। इस साल की थीम का लक्ष्य दुनिया भर में लोगों को HIV टेस्ट कराने के लिए प्रोत्साहित करना है। ऐसा करना अब बेहद जरूरी है, क्योंकि एक रिपोर्ट के अनुसार, HIV से ग्रस्त लोगों में से मात्र 75 प्रतिशत लोगों को ही उनकी बीमारी के बारे में पता है।इसका मतलब पौने 4 करोड़ रोगियों में से 94 लाख ऐसे हैं जिन्हें अपनी बीमारी के बारे में नहीं पता, क्योंकि उन्होंने HIV की जांच नहीं कराई। ऐसा होने से अनप्रोटेक्टेड सेक्स के जरिए अनजाने में AIDS फैलने का खतरा भी है।इस मामले में पूर्वोत्तर के राज्य हैं सबसे आगेइंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च का कहना है कि इस दिशा में भारत ने काफी प्रगति की है। लेकिन अभी भी इस पर रोक लगा पाना बहुत मुश्किल हो रहा है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट से पता चला कि भारत में 1981 से 2017 तक नए इंफेक्शन और AIDS से होने वाली मौतों में काफी गिरावट आई है। 2017 में 87,590 के बारे में पता चला और साथ ही 69,110 लोगों की AIDS के कारण मौत हो गई। यूं तो राष्ट्र स्तर पर नए इंफेक्शन्स की गिनती में गिरावट आई है पर राज्य स्तर पर ये आंकड़े कुछ अलग हैं। अरुणाचल प्रदेश- 65%, असम- 37%, मिजोरम- 18%, मेघालय- 10% और उत्तराखंड- 4%।

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