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भारत में 100 में से 70 लोग करते हैं ये गलती, सीट बेल्ट का ऐसे होता है एयरबैग से कनेक्शन


भारत में 100 में से 70 यात्री कार की पिछली सीट पर सवारी करते समय कभी भी सीट बेल्ट नहीं पहनते हैं। लोकलसर्किल के एक सर्वे में इस बात की जानकारी सामने आई है। सर्वे में 10,000 से अधिक लोगों से सीट बेल्ट पहनने को लेकर सवाल पूछे गए। इनमें से 26 फीसदी लोगों ने कहा कि पिछली सीट पर बैठकर सफर करते वक्त वो हमेशा सीट बेल्ट पहनते हैं। वहीं, 4 फीसदी लोगों ने कहा कि वे कभी भी पिछली सीटों पर बैठकर यात्रा नहीं करते हैं। सर्वे में शामिल 70 फीसदी लोगों ने माना कि वे सफर के दौरान पिछली सीट पर कभी भी सीट बेल्ट नहीं पहनते हैं।ये भी पढ़ेंः Asia Cup 2022: युजवेंद्र चहल और ऋषभ पंत का पत्ता कटना तय, दिनेश कार्तिक की हो सकती है वापसीरविवार को टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की कार एक्सीडेंट में हुई मौत की जांच में भी पता चला कि उन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी। साइरस मिस्त्री कार की पिछली सीट पर बैठकर यात्रा कर रहे थे। उनके साथ कार की आगे सीटों पर बैठे चालक समेत दोनों लोगों ने सीट बेल्ट लगाई थी। इस हादसे में उनकी जान बाल-बाल बची है। वहीं, साइरस मिस्त्री के पीछे की सीट पर बैठे जहांगीर पंडोल की जान चली गई। दोनों लोगों ने सीट बेल्ट नहीं बांधे थे।सीट बेल्ट कार सेप्टी के बेसिक फीचर्स में से एक है। कई देशों में ड्राइवर और सभी यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना जरूरी है। इसके लिए काननू बनाए गए हैं। एयरबैग का डिजाइन बकल्ड पैसेंजेर की सेफ्टी के लिए किया गया है। मतलब एयरबैग सीट बेल्ट लगाने वालों की ही सुरक्षा करता है। एयरबैग को इसी तरह से डिजाइन ही किया गया है। वो बिना सीट बेल्ट पहने लोगों को सुरक्षा प्रदान नहीं करता है।सीटबेल्ट और एयरबैग एक साथ काम करते हैं। भारत में ज्यादातर कारें ट्विन एयरबैग और सभी सीट पर सीटबेल्ट के साथ आती हैं। सीटबेल्ट और एयरबैग एक्सीडेंट के दौरान जान बचाने के लिए मिलकर काम करते हैं। सीट बेल्ट नहीं लगाने पर भी एयरबैग काम करते हैं। लेकिन कार में जहां भी एयरबैग्स होते हैं वहां SRS लिखा होता है। इसका मतलब होता है Supplementary Restraining System। आसान शब्दों में इसका अर्थ यह है कि कार में ये इकलौता जान बचाने वाला उपकरण नहीं है। इसलिए आपको सीट बेल्ट भी बांधना जरूरी है।यह भी पढ़े : 6 नाबालिग छात्राओं का यौन शोषण करने के बाद निजी स्कूल का प्रिंसिपल फरारकार में एयरबैग कई सेंसर से कंट्रोल होता है। जैसे इम्पैक्ट सेंसर, प्रेशर सेंसर, ब्रेक प्रेशर सेंसर। ऐसे तो सीट बेल्ट और एयरबैग के बीच कोई इलेक्ट्रॉनिक कनेक्शन नहीं है। लेकिन एक्सीडेंट के दौरान एयरबैग आपकी छाती, चेहरे और सिर की सुरक्षा करता है। वहीं, सीट बेल्ट आपको जोरदार झटके बावजूद आपके शरीर को सीट पर स्थिर रखने में मदद करता है। ये हादसे की स्थिति में शरीर के गति को रोकता है और आप कार से बाहर नहीं गिरते हैं। ऐसे में आपके सामने खुल एयरबैग आपके सिर और चेहरे को सुरक्षित करता है।

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