इस देश पर बरप रहा है प्रकृति का कहर, 50 डिग्री तक पहुंच गया पारा, हालात ऐसे कि सड़क पर भी नहीं चल सकते
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तुर्की के दक्षिणी हिस्से के जंगलों में लगी भीषण आग की वजह से दर्जनों गांवों को खाली कराना पड़ा है। आग लगे लगातार पांचवां दिन है और अब तक कम से कम छह लोगों की मौत हो गई। वहीं 50 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। जबकि ग्रीस, इटली और स्पेन भी इस समय भीषण आग का सामना कर रहे हैं। आग लगने के कारण तापमान काफी ज्यादा बढ़ गया है, तेज गति से गर्म हवाएं बह रही हैं और जलवायु परिवर्तन का असर साफ देखने को मिल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि आग के कारण ये सभी परेशानियों और बढ़ेंगी। यूरोपीय संघ के आंकड़े बताते हैं कि इस साल आग लगने की घटनाएं पहले से ज्यादा विनाशकारी साबित हुई हैं। तुर्की में बीते एक दशक में सबसे बुरे हालात हैं। इस साल देश की कम से कम 95,000 हेक्टेयर (235,000 एकड़) भूमि को नुकसान पहुंचा है। पर्यटन के लिहाज से सबसे मशहूर बोडरम के पास स्थित शहर को खाली कराया गया है। देश की सडक़ें चलने लायक नहीं बची हैं और 540 लोगों को नाव के सहारे होटलों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है।तुर्की के रिजॉर्ट सिटी के नाम से मशहूर अंताल्या शहर को भी खाली कराया गया है। यहां बीते महीने ही तापमान ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे, लेकिन अब तापमान और भी ज्यादा बढ़ रहा है। 20 जुलाई को सिज्रे के दक्षिणपूर्वी शहर में 49.1 डिग्री सेल्सियस का तापमान दर्ज किया गया था और आज अंताल्या में पारा 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की उम्मीद है। देश के राष्ट्रपति रचप तैयाब एर्दोआन की भी तभी से आलोचना हो रही है, जब से उन्होंने कहा है कि तुर्की के पास अग्निशमन विमान नहीं हैं। वो भी तब, जब देश की एक तिहाई भूमि वनक्षेत्र है और आग लगने की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। ईयू के आंकड़े बताते हैं कि तुर्की में 2021 में आग लगने की 133 घटनाएं हुई हैं।
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