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कोरोना वायरस को लेकर WHO ने उठाया ऐसा बड़ा कदम, करेगा ऐसा काम


विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि कोरोना वायरस के विभिन्न वेरिएंट्स को पहले वैज्ञानिक नामों से जाना जाता था, लेकिन अब इन नाम ग्रीक शब्दों के आधार पर रखा जाएगा। डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा है कि कोरोना वायरस के वैज्ञानिक नामों को कहना, याद रखना काफी कठिन कार्य है और कईं बार इसे गलत रिपोर्टिंग भी हो जाती है।इसके अलावा कोरोना वायरस की सबसे पहले पहचान जिस देश में की गई थी, कुछ लोग उसी देश के नाम के आधार पर भी इसे चिन्हित कर रहे हैं, लेकिन इससे किसी भी देश के लोगों को काफी हीन भावना का सामना करना पड़ता है। संगठन ने बताया कि उदाहरण के तौर पर बी117 कोराना वायरस स्वरूप को ‘ब्रिटिश वेरिएंट’’ नाम दे दिया गया था क्योंकि यह अधिकतर ब्रिटिश लोगों में पाया गया था और इस वायरस के नाम को याद रखना काफी कठिन काम है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि अब इस विशिष्ट रूवरूप को ‘अल्फा वेरिएंट’ के नाम से जाना जाएगा। दरअसल कोराना वायरस के नाम को परिभाषित करने वाली मौजूदा प्रणाली को ‘ग्लोबल इनिशिएटिव आन शेयरिंग आल इंफ्लूएंजा डाटा’ नेक्सटस्ट्रेन एंड पांगों ने विकसित किया था। यह वैज्ञानिक प्रणाली अभी भी अस्तित्व में है। संगठन ने सभी देशों की सरकारों, मीडिया और आम लोगों से आग्रह किया है कि वे कोरोना वायरस के वैज्ञानिक नामों की बजाए ग्रीक भाषा के आधार पर तय की गई नई प्रणाली के आधार ही वायरस के नाम का इस्तेमाल करें।

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