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भारत में तस्करी कर लाई गई बांग्लादेशी महिला से दुष्कर्म, दो आरोपियों को पुलिस ने मारी गोली


बांग्लादेश से तस्करी कर भारत लाई गई 22 वर्षीय एक महिला के साथ चार बांग्लादेशी पुरुषों ने कथित तौर पर दुष्कर्म किया और दो महिलाओं ने उसे प्रताडि़त किया। सभी आरोपियों को बेंगलुरु पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और पुलिस की हिरासत से भागने की कोशिश कर रहे दो आरोपियों पर गोलियां चलानी पड़ीं, इसकी पुष्टि ढाका की तेजगांव पुलिस ने की। तेजगांव थाने में भी दो अलग-अलग मामले दर्ज हैं।इसकी पुष्टि करते हुए तेजगांव डिवीजन के पुलिस उपायुक्त मोहम्मद शाहिदुल्ला ने बताया कि आरोपियों में रिफतुल इस्लाम हृदय उर्फ टिकटोक हृदय बाबू ढाका के हातीरझील इलाके का निवासी है।शाहिदुल्ला ने कहा कि बाबू और उसके सहयोगी मानव तस्करी सिंडिकेट के सदस्य हैं और वे सभी बांग्लादेशी नागरिक हैं। अधिकारी ने कहा कि हालांकि, बांग्लादेश पुलिस पीड़िता और उसके हमलावर को वापस लाने की कोशिश कर रही है। शाहिदुल्ला ने यह भी कहा कि उन्हें केरल पुलिस से संपर्क करने के बाद गिरफ्तारी के बारे में पता चला। कानून लागू करने वालों ने बाबू को उसके फेसबुक प्रोफाइल से पहचानने में कामयाबी हासिल की।बाद में, उसके माता-पिता ने इस मामले की पुष्टि की और कहा कि उन्होंने उसके खराब व्यवहार के लिए उसे घर से निकाल दिया और तब से उसका उनसे कोई संपर्क नहीं है। इससे पहले, 22 वर्षीय महिला के साथ दुष्कर्म और भीषण यातना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें चार पुरुषों और दो महिलाओं को पीडि़ता के साथ बेरहमी से मारपीट करते देखा जा सकता था। इसके बाद, असम पुलिस ने आरोपी की पहचान करने के लिए वीडियो के स्क्रीनशॉट साझा किए थे। घंटों के भीतर, बेंगलुरु पुलिस चार आरोपियों को पकडऩे में कामयाब रही।शुक्रवार की सुबह, उनमें से दो, 25 वर्षीय हृदय बाबू और 23 वर्षीय सागर ने पुलिसकर्मियोंपर हमला किया और भागने की कोशिश की। पुलिस ने आत्मरक्षा में फायरिंग की। पुलिस ने कहा, दोनों को पकडऩे से पहले उनके घुटनों पर गोली मारी गई थी और अब उनका सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है।इस बीच, पीडि़ता के पिता ने अपनी बेटी की पहचान कर ली है जो एक साल से लापता थी और उसने मानव तस्करी रोकथाम अधिनियम के तहत हटिरजील पुलिस में मामला दर्ज कराया था। एक और मामला पोर्नोग्राफी कंट्रोल एक्ट के तहत दर्ज किया गया है। जानकारी के मुताबिक ये सभी बांग्लादेश से आए एक ही ग्रुप का हिस्सा हैं। वित्तीय मुद्दों के कारण, अपराधियों ने पीडि़ता के साथ क्रूरता की, जिसे भी बांग्लादेशी बताया जा रहा है और मानव तस्करी रैकेट द्वारा भारत लाया गया था।

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