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बिहार चुनाव से पहले नीतीश, चिराग पासवान, तेजस्वी, कांग्रेस-भाजपा सभी टेंशन में, जानिए क्यों


बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एक दिन बाद नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, लेकिन सत्ता के दोनों प्रबल दावेदारों राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों के तालमेल को लेकर अभी भी असमंजस बरकरार है। बिहार में एक अक्टूबर को प्रथम चरण के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया भी शुरू होगी और अब उसके लिए महज एक दिन ही बचा है, बावजूद इसके राज्य में सत्ता के दोनों प्रबल दावेदार राजग और महागठबंधन के बीच सीटों के तालमेल को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। इससे राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता तो असमंजस में है ही उनके समर्थक और आम जनता भी इसपर टकटकी लगाए हुए हैं। सीटों के तालमेल को लेकर राजग में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के बीच, वहीं महागठबंधन में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के नेताओं के बीच दिल्ली में ही बातचीत हो रही है। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के महागठबंधन से अलग होने के बाद कांग्रेस ने अपना रुख और भी कड़ा कर लिया है। कांग्रेस अब महागठबंधन में 80 सीट पर दावा कर रही है । कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि जब पार्टी तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर स्वीकार करने को तैयार है तो राजद को भी बड़ा दिल दिखाते हुए कांग्रेस की जायज मांगों को मान लेना चाहिए । बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा और विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह कल दिल्ली जाने वाले हैं । दिल्ली में दोनों नेता सीटों को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही दोनों नेता पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में भी हिस्सा लेंगे। उधर राजग में भी सीटों के तालमेल पर गतिरोध बरकरार है। सोमवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद भी लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान का रुख नरम नहीं हुआ है। अभी भी वह 40 से कम सीट मिलने पर भाजपा की सीट को छोड़कर सभी 143 सीट पर चुनाव लड़ने पर अड़े हैं। इस बीच लोजपा के राष्ट्रीय महासचिव शाहनवाज अहमद कैफी ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावना है कि इस बार के चुनाव में लोजपा प्रमुख चिराग पासवान मुख्यमंत्री का चेहरा बनें। हालांकि इस मामले में पार्टी का स्टैंड है कि जीत राजग की हुई तो मुख्यमंत्री भाजपा का होना चाहिए क्योंकि भाजपा ही बिहार और बिहारियों का चौतरफा विकास कर सकती है। उधर महागठबंधन के बाद राजग से भी बात नहीं बनने पर रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और जनवादी सोशलिस्ट पार्टी (जसपा) के साथ मिलकर नया गठबंधन बना लिया है ।

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