खदान में फंसे 15 मजदूरों के जिंदा बचने की कोई उम्मीद नहीं, हादसे में बचे खनिक ने किया दावा
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मेघालय के कोयला खदान में 13 दिसंबर से 15 मजदूर फंसे हुए हैं। जिनको बचाने के लिए एनडीआरएफ आैर नौसेना समेत कर्इ बचाव एजेंसियां लगी हुर्इ हैं। लेकिन इस हादसे में जिंदा बचे एक खनिक का कहना है कि फंसे खनिकाें को जिंदा बाहर निकालना संभव नहीं है। खदान में पूरा पानी भरा हुआ है। एेसे में फंसे हुए मजदूर कितने दिनों तक पानी में सांस ले सकते हैं। फंसे किसी भी आदमी के जिंदा बचने की उम्मीद नहीं13 दिसंबर की रात का याद करते हुए इस हादसे में जिंदा बचे असम के चिरांग जिले के साहिब अली ने कहा कि फंसे खनिकों को जीवित बाहर निकालना संभव नहीं है। अली ने बताया कि हादसे वाले दिन सभी लोगों ने सुबह करीब 5 बजे काम शुरू किया। सुबह करीब 7 बजे तक खदान पानी से भर गया। मैं 5-6 फीट अंदर था और कोयले से भरा रेड़ा बाहर ला रहा था। मैंने खदान के अंदर एक अजीब सी हवा महसूस की जो असामान्य थी। इसके साथ ही तेजी से पानी के बहने की आवाज आने लगी। साहिब अली ने कहा, खदान में पूरा पानी भरा हुआ है। वहां फंसे किसी भी आदमी के जिंदा बचने की उम्मीद नहीं है। क्योंकि कोई आदमी कितने समय तक पानी में सांस ले सकता है। खादान की तलहटी तक नहीं पहुंच सके गोताखोरबता दें कि मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले की एक कोयला खदान में लैटिन नदी का पानी भर जाने के कारण 13 दिसंबर से 15 मजदूर फंसे हुए हैं। अब हालात एेसे हैं कि ये मजदूर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं, न वे खुद बाहर आ पा रहे हैं, न बचावकर्मी अंदर जा पा रहे हैं। इन्हें बचाने के लिए रविवार को अभीयान शुरू किया गया था लेकिन इसका कोर्इ नतीजा सामने नहीं आया। एनडीआरएफ आैर नौसेना के गोताखोर खादान की तलहटी तक नहीं पहुंच सके। कर्इ एजेंसियों के इस संयुक्त अभियान की शुरुआत नौसेना के टीम लीडर लेफ्टिनेंट कमांडर संतोष खेतवाल ने की जो गोताखोरों को अंदर भेजने से पहले खुद खदान में पानी की सतह तक उतरे आैर स्थिति का जायजा लिया। आज फिर खदान में उतरेंगे गोताखोर पूर्वी जयंतिया पर्वतीय जिले के पुलिस अधीक्षक सिल्वेस्टर नोंगटिंगर ने बताया कि भारतीय नौसेना और एनडीआरएफ के छह गोताखोर खदान के भीतर गए और पानी की सतह से 80 फुट ऊपर की गहराई तक पहुंचे। वे दो घंटे तक खनिकों का पता लगाते रहे। उन्होंने बताया कि नौसेना के अधिकारियों के मुताबिक सतह से पानी की गहराई खदान के तल तक करीब 150 फुट के आस-पास है। एनडीआरएफ के सहायक कमांडेंट संतोष कुमार जो की तलाश एवं बचाव अभियान में दो दलों की अगुवाई कर रहे हैं, ने बताया कि वह पानी में एक नाव उतारने में सक्षम रहे जो गोताखोरों को उनके उपकरण रखने में मददगार साबित होगा। उन्होंने बताया कि गोताखोर सोमवार को एक बार फिर खदान की तह तक पहुंचने के लिए खदान में उतरेंगे।रविवार को कुछ नहीं ढूंढ पाए गोताखोर एसपी ने बताया कि गोताखोर रविवार को कुछ नहीं ढूंढ पाए और सोमवार को वह मजदूरों की तलाश के लिए उच्च तकनीक वाले उपकरण का इस्तेमाल करेंगे। अधिकारी ने बताया कि पानी के स्तर को कम करने के लिए सोमवार को पंपों को काम में लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि ओडिशा दमकल सेवा का एक दल अपने साथ 10 उच्च क्षमता वाले पम्प लेकर आया है।
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