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खेल की दुनिया में भारत को लगा करारा झटका, इस खिलाड़ी पर लगा प्रतिबंध


कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 की स्वर्ण पदक विजेता महिला वेटलिफ्टर संजीता चानू डोप टेस्ट में फेल हो गईं हैं। इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन के मुताबिक डोप टेस्ट में उनका रिजल्ट पॉजिटिव पाया गया है। बता दें कि संजीता के सैंपल में एनाबॉलिक स्टेरॉइड टेस्टोस्टेरॉन नाम का ड्रग पाया गया है जो बैन किया जा चुका है। इसी की वजह से इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन (IWF) ने उन्हें अस्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया है। बता दें, संजीता चानू ने कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। वहीं, 2014 में ग्लास्गो गेम्स में भी वो गोल्ड जीत चुकी हैं। डोप टेस्‍ट में फेल होने से उनके मेडल छिन सकते हैं। इंडियन वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ने इस मामले पर कहा कि, संजीता चानू का डोप टेस्‍ट नवंबर में वर्ल्‍ड चैंपियनशिप के दौरान हुआ। रिपोर्ट में दिसंबर की तारीख दर्ज है। फेडरेशन को ये रिपोर्ट मई के मध्‍य में मिली है। इस दौरान चानू ने कॉमनवेल्‍थ गेम में हिस्‍सा लिया था।संजीता ने चार साल पहले ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स से अपना दमदार सफर शुरू किया था। तब 20 साल की संजीता चानू ने सब को चौंकाते हुए देश को गोल्ड मेडल दिलाया था। 2014 के ग्लास्गो कॉमनवेल्थ खेलों में संजीता ने 42 किलो ग्राम कैटेगरी में गोल्ड मेडल हासिल किया था। संजीता 2017 में उस समय भी सुर्खियों में आई थीं, जब अर्जुन पुरस्कार पाने वालों की सूची में उनका नाम नहीं था। इसके बाद उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अर्जुन अवॉर्ड तो संजीता को नहीं मिला था, लेकिन उन्होंने अपना जवाब पिछले साल कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 53 किलोवर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर दिया।

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