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नहीं रहे कथक सम्राट बिरजू महाराज, 83 साल की उम्र में ली अंतिम सांस, 1983 में मिला था पद्म विभूषण


कथक नृत्य (kathak dance) के लिए दुनिया भर में मशहूर बिरजू महाराज (Birju Maharaj) नहीं रहे। रविवार देर रात 83 वर्ष की आयु में बिरजू महाराज की हार्ट अटैक के चलते निधन हो गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को देर रात वे अपने पोते के साथ खेल रहे थे। इसी दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया और वह अचेत हो गए। इसके बाद परिजनों ने उन्हें दिल्ली के साकेत स्थित एक अस्पताल में ले गए, जहां उन्हें मृत घोषित किया गया। बता दें कि कुछ दिन पहले ही वह किडनी की समस्या से उबरे थे और फिलहाल डायलिसिस पर थे। पंडित बिरजू महाराज (Pandit Birju Maharaj) के निधन से भारतीय कला जगत ने अपने एक अनूठे कलाकार को खो दिया। वे पंडित जी या महाराज जी के उपनाम से लोकप्रिय थे। बिरजू महाराज को देश के शीर्ष कथक नृतकों में से एक माना जाता है। लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को लखनऊ में हुआ था। इनका असली नाम पंडित बृजमोहन मिश्र था। ये कथक नर्तक होने के साथ साथ शास्त्रीय गायक भी थे।गौर हो कि बिरजू महाराज ने देवदास (devdas), डेढ़ इश्किया (Dedh Ishqiya), उमराव जान (Umrao Jaan) और बाजी राव मस्तानी (Baji Rao Mastani) जैसी फिल्मों के लिए डांस कोरियोग्राफ किया था। इन्होंने सत्यजीत राय की फिल्म शतरंज के खिलाड़ी में संगीत दिया था। बिरजू महाराज को साल 1983 में पद्म विभूषण (Padma Vibhushan) से सम्मानित किया गया था। उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान भी प्राप्त था। बीएचयू और खैरागढ़ विश्वविद्यालय ने बिरजू महाराज को डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी थी।

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