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11वीं की छात्रा के साथ पादरी ने किया था बलात्कार, अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच पीड़िता ने कही ऐसी बात, उड़े सभी के होश


केरल में एक दुष्कर्म पीडि़ता ने उसका यौन शोषण करने वाले एक कैथोलिक पादरी 53 वर्षीय रॉबिन वडक्कुमचेरी से शादी करने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पादरी रॉबिन को दुष्कर्म के लिए 20 साल जेल की सजा सुनाई गई है और उसे वेटिकन द्वारा पादरी के पद से भी बर्खास्त कर दिया गया है। पीडि़ता की ओर से दायर याचिका अब सोमवार को शीर्ष अदालत में आएगी और पीडि़ता ने उसके साथ यौनाचार करने वाले रॉबिन के लिए जमानत भी मांगी है, ताकि उनकी शादी हो सके। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह याचिका उसकी इच्छा के अनुसार दायर की गई है।इससे पहले, रॉबिन ने भी पीडि़ता से शादी करने की मांग वाली एक याचिका के साथ केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन अदालत ने तब इसे ठुकरा दिया था। रॉबिन कन्नूर के पास एक पैरिश पादरी के रूप में सेवा कर रहा था और चर्च समर्थित स्कूल का प्रबंधक था, जहां पीडि़ता 11वीं कक्षा की छात्रा थी। स्कूल के बच्चों के बीच काम करने वाली चाइल्ड लाइन एजेंसी ने पुजारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। प्रबंधन द्वारा चलाए जा रहे अस्पताल में 7 फरवरी, 2017 को पीडि़ता के बच्चे को जन्म देने के बाद पुजारी पर दबाव बढ़ गया था।पुजारी को 27 फरवरी, 2017 को कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास से गिरफ्तार किया गया था, जब वह देश से बाहर जाने की तैयारी कर रहा था। यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉस्को) अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने के बाद पुजारी को 17 फरवरी, 2019 को थालास्सेरी की एक अदालत ने 20 साल कैद की सजा सुनाई थी। सुनवाई के दौरान पीडि़ता और उसकी मां मुकर गई। मगर इसके बावजूद, अदालत पहले से एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर आगे बढ़ी और फैसला सुनाया। चार नन, एक अन्य पादरी और कॉन्वेंट से जुड़ी एक और महिला, जो पुलिस चार्जशीट में सह-आरोपी थे, को पर्याप्त सबूतों के अभाव में छोड़ दिया गया। संयोग से पिछले साल मार्च में, मंथवाडी (वायनाड जिले में) सूबे के अधिकारियों ने मीडिया को सूचित किया कि वेटिकन ने सारी प्रक्रिया से गुजरने के बाद रॉबिन को उसके पद से बर्खास्त करने का फैसला किया।

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