मौसम विभाग ने ज्यादा लोग करते हैं इस मंदिर की भविष्यवाणी पर विश्वास, इस बार मॉनसून को लेकर आई ऐसी बुरी खबर
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दुनिया में कई ऐसे अनोखे तरीके हैं, जिससे मौसम का आकलन किया जाता है। ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश का हाल जानने के लिए लोग इन तरीकों को अपनाते हैं और इस पर उनका अटूट विश्वास भी है। ऐसे ही उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित जगन्नाथ मंदिर में मौसम का हाल बताया जाता है। इस बार बारिश कैसी होगी? किसानों के लिए मौसम कैसा रहेगा आदि। जानकारी के मुताबिक मानसून आने के कुछ दिन पहले मंदिर के गुंबद में जड़े पत्थर से बूंदें टपकती हैं। इनके आकार से पुजारी मानसून की भविष्यवाणी करते हैं। मंदिर ने संकेत दिया है कि इस बार मानसून कमजोर होगा। पुजारी पं. केपी शुक्ला ने कहा कि दो दिन से छोटी बूंदें टपक रही हैं। इस बार बारिश कम होगी। यहां लोग मौसम विभाग से ज्यादा मंदिर की भविष्यवाणी पर विश्वास करते हैं। यह सिलसिला कई सदियों से से चला आ रहा है। इस मान्यता को वैज्ञानिक आधार पर परखने के लिए देश-विदेश के वैज्ञानिकों की टीमें भी निरीक्षण कर चुकी हैं पर बिना बारिश अंदर बूंदें टपकने का रहस्य अनसुलझा ही रहा। वैज्ञानिकों का कहना है कि मंदिर के डिजाइन की और गहन जांच की जरूरत है। भीतरगांव ब्लॉक के बेहटा बुजुर्ग गांव में स्थित यह मंदिर पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है। मंदिर के पुजारी केपी शुक्ला कहते हैं मंदिरकी सेवा करते मेरी सात पीढिय़ां गुजर गईं। दो दिन से मंदिर के गुंबद से पानी टपक रहा है। इस बार बूंदे छोटी हैं, यानी कमजोर बारिश होगी।
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