Breaking News

गाजीपुर बॉर्डर पर बस गया गांव, आठ से दस हजार किसान हैं मौजूद, राकेश टिकैत ने किया बड़ा ऐलान


किसान आंदोलन के प्रमुख केंद्र सिंघु बॉर्डर को पुलिस ने किले में तब्दील कर दिया है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सभी तरफ बैरीकेड लगा दिए गए हैं। सभी प्रवेश मार्गों को बंद कर दिया गया है। स्थानीय लोगों और प्रदर्शनकारियों के बीच कल हुई झड़प के बाद सुरक्षाकर्मी ज्यादा चौकसी बरत रहे हैं। वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर मानों किसानों ने एक नया गांव बसा लिया है। यहां किसान नेता राकेश टिकैत अपने समर्थकों के साथ डटे हुए हैं। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की भावुक अपील के बाद किसानों का गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। बीते 36 घंटों में आंदोलन स्थल का दायरा करीब चार गुना बढ़ गया है और किसानों की संख्या बढ़कर आठ से दस हजार तक पहुंच गई है। पश्चिमी यूपी में मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, बुलंदशहर, हापुड़ व अन्य जिलों से रात में ही किसान गाजीपुर बॉर्डर पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड से भी किसान बड़ी संख्या में आंदोलन स्थल पर पहुंचे हैं। गाजीपुर बॉर्डर के आस-पास के इलाकों में इंटरनेट सेवा रोकी गई है। इससे पहले किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने सिंघु बॉर्डर पर इंटरनेट सेवा बहाल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हमारी बातें लोगों तक नहीं पहुंच सके इसके लिए इंटरनेट सेवा रोकी गई है। वहीं टिकरी बॉर्डर पर भी किसानों का विरोध जारी है। सुरक्षा के मद्देनजर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं। इसी के साथ आज आंदोलकारी किसान सद्भावना दिवस मना रहे हैं और दिनभर उपवास रखेंगे।गौरतलब है कि पंजाब के बठिंडा में विर्क खुर्द ग्राम पंचायत ने हर परिवार के कम से कम एक सदस्य को एक सप्ताह के लिए किसान आंदोलन में भेजने का निर्णय लिया है। पंचायत ने फैसला लिया है कि जो विरोध करने नहीं जाएंगे उन पर 1,500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और जुर्माना नहीं भरने वालों का बहिष्कार किया जाएगा। दूसरी ओर गाजिपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या अचानक बढ़ती तो यूपी गेट अंडरपास और दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर नोएडा सेक्टर-62 की तरफ तंबू और टेंट को लगाने का दौर भी शुरू हो गए। उधर, आंदोलन का रुख बदला तो प्रशासन ने भी पानी-बिजली की सप्लाई शुरू कर दी। गौरतलब है कि राकेश टिकैत ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसानों ने सम्मान के साथ आंदोलन शुरू किया था। अपने सम्मान को आगे भी बरकरार रखा जाएगा। किसानों पर पत्थर नहीं, फूल बरसाए जाएंगे। किसानों को बदनाम करने की हुई दो बड़ी साजिश नाकाम हो गई हैं। ऐसे में किसान अपनी मांगों पर अडिग हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ जंग को किसान जीतकर जाएंगे। उन्होंने किसान आंदोलन में समर्थन देने आए लोगों से शांति का दान देने की अपील की।

from Daily News : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3oxlDqD

कोई टिप्पणी नहीं