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किसी जन्नत से कम नहीं है ये छोटा सा राज्य, घूमने की जगहें हैं बेहद कमाल की


देश के तीसरे सबसे छोटे राज्यों में से एक त्रिपुरा एक बेहद ही खूबसूरत जगह है, जिसे आपको छुट्टियों के दौरान जरुर घूमना चाहिए। त्रिपुरा के उल्लेखनीय कोर्ट क्रॉनिकल राजमाला के अनुसार, कई साल पहले त्रिपुरा पर त्रिपुर नाम का राजा राज्य करता था, इसलिए इसका यह नाम पड़ा। आधुनिक त्रिपुरा पर पहले त्रिपुरी राजवंश और इसके बाद अंग्रेजों का शासन था। अंग्रेजों के शासन काल के दौरान यह राजशाही राज्य था।त्रिपुरा राज्य एक समृद्ध विरासत है जो ब्रिटिश युग के दौरान एक स्वतंत्र रियासत राज्य के रूप में शासित थी। इस खूबसूरत राज्य को अनुभव करने के लिए एकबार आपको इस जगह की सैर अवश्य करनी चाहिए।नीरमहल में करें बोटिंग नीरमहल जिसे अंग्रेजी में वाटर महल के नाम से भी जाना जाता है। नीरमहल अगरतला से करीबन 53किमी की दूरी पर रूद्रसागर झील में स्थापित है। यह 1930 के दशक में त्रिपुरा राज्य के राजा के शाही ग्रीष्मकालीन निवास हुआ करता था।इस महल की वास्तुकला में हिंदू और मुस्लिम वास्तुकला का एक अच्छा मिश्रण देखा जा सकता है। महल का पश्चिमी भाग शाही परिवार का निवास था, जबकि पूर्वी पक्ष थिएटर, नृत्य, नाटक आदि जैसे मनोरंजन के लिए आवंटित एक खुला थिएटर था। आप इस महल तक सिर्फ रूद्रसागर झील से नाव की सवारी करते हुए पहुंच सकते हैं।जगन्नाथ मंदिर और काली माता मंदिर जगन्नाथ मंदिर, अगरताला में स्थित है, जबकि कमलासागर काली मंदिर राजधानी से 27 किमी दूर स्थित है। उज्जांता पैलेस के आधार पर स्थित, जगन्नाथ बारि 19वीं शताब्दी का मंदिर है जो मणिक्य वंश द्वारा निर्मित है। देवी काली को समर्पित, कमलासागर काली मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है, मंदिर की ऊंचाई से खूबसूरत कमलासागर झील को देखा जा सकता है। अगर आप त्रिपुरा की यात्रा पर है, इन दो मन्दिरों को अवश्य देखें।त्रिपुरा का लजीज व्यंजन त्रिपुरा का लजीज व्यंजन म्यूई बोरोक है, जिसे स्थानीय लोगो द्वारा बेःद पसंद किया जाता है। यहां के व्यंजनों में खासतौर से बरमा का इस्तेमाल किया जाता है,जोकि एक खट्टे-चखने वाले सूखे और किण्वित मछली है। यहां की यात्रा के दौरान आपको, मछली स्टू, बांस शूट अचार, बांगुई चावल, आदि जरुर ट्राई करने चाहिए। अगर आप मांसाहारी है, तो ये यहां का खाना आपको खूब पसंद आयेगा।हेरिटेज पार्क घूमे 4 हेक्टेयर के विशाल इलाके में फैले हुए हेरिटेज पार्क , अगरताला में पर्यटकों के आकर्षण का एक लोकप्रिय स्थान है। इसमें त्रिपुरा की सभी प्रमुख विरासत स्थलों के लघु प्रतिकृतियां मौजूद हैं, जिनमें नीरमहल, उज्जांता पैलेस, उनाकोटी जैसी जगह शामिल हैं। पार्क लकड़ी और पत्थर की कलाकृतियों के साथ लीची, नीलगिरी आदि के सुंदर पौधों को भी देखा जा सकता है।चखे जामपुई पहाड़ी के संतरे अगर आप पेड़ से तोड़कर संतरों का स्वाद लेना चाहते हैं, तो आपको यहां सितम्बर से लेकर दिसम्बर के बीच अवश्य जाना चाहिए। इस दौरान यहां एक नारंगी त्यौहार मनाया जाता है, जिसका आप हिस्सा बन सकते हैं। इस पर्व को संतरे की अच्छी खेती होने के बाद मनाया जाता है। यह एक ऑफबीट डेस्टिनेशन है, जहां आप साबुल गांव में ट्रैकिंग, बोटिंग आदि का मजा भी ले सकते हैं, और हां लजीज और रसीले संतरों का स्वाद भी ले सकते हैं।उज्जयंता महल 1901 में बना उज्जयंता महल कभी शाही निवास हुआ करता था, जोकि अब एक म्यूजियम में तब्दील हो चुका है। इंडो-ग्रीक शैली के इस महल को महाराजा राधाकिशोर माणिक्य ने बनवाया था। 1899 से 1901 के बीच बने इस महल के मुख्य डिजाइजर मेसर्स मार्टिन एंड कारपोरेशन के सर एलेक्जेंडर मार्टिन थे। नोबल पुरस्कार विजेता रविन्द्रनाथ टैगोर ने इसे उज्जयंता महल नाम दिया था। महल में एक सिंहासन कक्ष, दरबार हॉल, रिसेप्शन हॉल और लाइब्रेरी है। इसके अलावा यह महल छोट-छोटे गार्डन से घिरा हुआ है। महल करीब 800 एकड़ में फैला है और इसके परिसर में ही जन्नाथ और उमामहेश्वर मंदिर स्थित है। पर्यटक इस महल को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक देख सकते हैं।दुर्गा पूजा में शामिल हों जब भी बात दुर्गा पूजा की होती है, तो दिमाग में सबसे पहला नाम कोलकाता, पश्चिम बंगाल का ही आता है। त्रिपुरा में भी दुर्गा पूजा का पर्व बेहद ही हर्षौल्लास के साथ मनाया जाता है। अगरतला में दुर्गा पूजा के दौरान,भव्य पंडाल देखते ही बनते हैं , जहां स्थानीय कलाकार अपनी प्रतिभायों का प्रदर्शन करते हैं।उनाकोटी उनाकोटी एक लोकप्रिय विरासत स्थल है जो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अंतर्गत संरक्षित है। यहां आप अनगिनत सुंदर रॉक-कट वाले नक्काशियों और भित्ति चित्रों को देख सकते हैं। उनाकोटी का शाब्दिक अर्थ है एक करोड़ से भी कम ये नक्काशियां 7 वीं से 9 वीं शताब्दी की हैं और जोकि हरे रंग की पृष्ठभूमि शामिल हैं। त्रिपुरा की यात्रा के दौरान इसे अवश्य देखें।

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