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Maruti के नक्शे कदम पर Tata Motors, कंपनी ने छोटी डीजल कारें न बनाने का किया ऐलान

नई दिल्ली: बीते सप्ताह देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति ने 2020 से डीजल कारें न बनाने की घोषणा कर दी। मारुति के इस फैसले के बाद डीजल कारों पर बहस तेज हो गई थी। मारुति के इस फैसले के पीछे वजह ये भी बताई गई कि मारुति के पास खुद का इंजन नहीं है बल्कि उसे फिएट से इंजन लेना पड़ता था। लेकिन मारुति के इस फैसले का बाकी कंपनियों पर असर दिखाई पड़ना शुरू हो गया है । दरअसल देश की सबसे भरोसेमंद कंपनियों में से एक टाटा मोटर्स ने भी डीजल कारों से तौबा कर ली है।

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टाटा मोटर्स ने घोषणा कि है कि अब वो छोटी डीजल कारें नहीं बनाएंगे। कंपनी का कहना है कि ऊंची लागत के चलते छोटी गाड़ियों के लिए नए एमिशन नॉर्म्स के हिसाब से डीजल इंजन डेवलप करने से गाड़ियों की लागत बढ़ेंगी लेकिन उनकी डिमांड कम रहेगी, यानि कार निर्माता कंपनियों को फायदे की जगह नुकसान होगा। इसीलिए कंपनी ने छोटी डिजल कारों को न बनाने का ऐलान कर दिया हैष

टाटा मोटर्स ( Tata Motors ) के बिजनेस यूनिट के प्रेजिडेंट मयंक पारीक का कहना है कि, 'BS-VI एमिशन नॉर्म्स के लागू होने से खासतौर पर छोटी डीजल गाड़ियों के मामले में कंप्लायंस महंगा हो जाएगा। हमें ऊंची कॉस्ट का बोझ आखिरकार एंड कस्टमर्स पर डालना होगा, इसलिए स्वाभाविक रूप से डीजल गाड़ियों की सेल में गिरावट आएगी। हमें लगता है कि एंट्री और मिड साइज के डीजल मॉडल की मांग कम रहने से कम कपैसिटी के इंजन के डिवेलपमेंट में आने वाली ऊंची लागत वाजिब नहीं होगी।'

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वहीं hyundai ने इस बाबत bs-6 नार्म्स के लागू होने से पहले कुछ भी कहने से मना कर दिया। लेकिन इतना जरूर साफ किया कि कंपनी फिलहाल डीजल कारों में निवेश जारी रखेगी।



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