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कार के इस हिस्से में बैठने वालों को एक्सीडेंट में लगती है खतरनाक चोट, चली जाती है जान

नई दिल्ली: आजकल कंपनियां कार सेफ्टी फीचर्स पर बहुत ज्यादा ध्यान दे रही हैं। कारण ये है कि एक्सीडेंट के दौरान कार में बैठे लोगों की जान इस फीचर्स की वर्किंग पर निर्भर करती है। आपको बता दें कि अमूमन माना जाता है कि एक्सीडेंट या कोई दुर्घटना होने पर ड्राइवर को सबसे ज्यादा खतरा होता है लेकिन हाल ही में हुए एक रिसर्च में इससे अलग बात सामने आई है। इंश्योरेंस इंस्टीट्यूट फॉर हाइवे सेफ्टी (आईआईएचएस) के मुताबिक, कारों में अगली सीट के मुकाबले पिछली सीट पर बैठे यात्री में इंजरी या मौत की आशंका ज्यादा होती है। और इसके लिए उन्होने कई कारण बताए हैं।

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आईआईएचएस ने अपने शोध के दौरान 117 कार एक्सीडेंट्स का अध्ययन किया है। इन्होने अपने अध्ययन में पाया कि ज्यादातर एक्सीडेंट्स में पिछली सीट पर बैठे पैसेंजर्स या तो मर चुके थे या खतरनाक रूप से घायल थे। ये मामले साफतौर पर बताते हैं कि आगे और पीछे की सीट पर सुरक्षा के इंतजाम बराबर नहीं हैं। ऐसी घटनाओं में सीने में इंजरी होने के मामले ज्यादा थे।

रिसर्च के मुताबिक,एक्सीडेंट में आगे बैठे यात्री को बेल्ट और एयरबैग मिलकर दुर्घटना से बचाते हैं। वहीं इस दौरान पीछे बैठे यात्री के सीने को जिस दबाव और खिंचाव के साथ सुरक्षा दी जानी चाहिए वह उपलब्ध नहीं रहता। शोध में कहा गया है कि पीछे बैठे यात्री को सेफ्टी के नए फीचर्स और तकनीक से कोई फायदा नहीं मिलता।

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आपको बता दें कि हाल के कुछ सालों में कार में पैसेंजर्स की सेफ्टी के लिए इंडस्ट्री में काफी काम हुआ है। फ्ंरट सीट पर बैठे यात्री को सुरक्षा देने के लिए कार में कई एडवांस फीचर जोड़े गए हैं लेकिन पीछे बैठे यात्रियों के लिए ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है।

फ्रंट सीट पर बैठने वालों के लिए सीट बेल्ट, फ्रंट एयरबैग्स और कुछ गाड़ियों में तो साइड एयरबैग्स भी लगाए गए हैं। वहीं पीछे बैठे यात्रियों के लिए सिर्फ बेल्ट ही दी गई है।

आपको मालूम हो कि ये रिपोर्ट इसलिए ज्यादा चिंताजनक है क्योंकि आजकल लोग खुद ड्राइव करने के बजाय Ola और Uber बुक करना ज्यादा पसंद करते हैं और ऐसे में लोग पीछे ही बैठते हैं। जिसे देखते हुए पैसेंजर सीट की सेफ्टी बड़ा मुद्दा बनाती है।

आईआईएचएस के प्रेसीडेंट डेविड हार्के का कहना है कि आज के दौर में बैक-सीट को सुरक्षा देना बेहद जरूरी है क्योंकि कार शेयरिंग का जमाना है। आपको बता दे कि एसोसिएशन फॉर सेफ इंटरनेशनल रोड ट्रेवल के मुताबिक हर साल सिर्फ अमेरिका में ही 37000 लोग कार एक्सीडेंट में जान गंवा देते हैं।



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