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इन मंदिरों में है पुरुषों की नो एंट्री, जा सकती है केवल महिलाएं


भारत धर्म प्रधान देश हैं जहां अनेकों धर्मों के लोग रहते हैं जिनसे जुड़े धार्मिक स्थल हैं भक्तों के आकर्षण का केंद्र बनता है। इसी आस्था को देखते हुए देश-विदेश से सैलानी मंदिरों के दर्शन करने पहुंचते हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि देश में ऐसे भी कई मंदिर हैं जहां पर पुरुषों की एंट्री पर है बैन है और सिर्फ महिलाऐं ही पूजा कर सकती हैं। जी हाँ, आज हम आपको देश के इन प्रसिद्द मंदिरों के बारे में ही बताने जा रहे हैं जिसमें पुरुष प्रवेश नहीं कर सकते हैं।त्र्यंबकेश्वर मंदिरइस मंदिर के गर्भगृह में पहले महिलाओं को जाने की इजाजत नहीं थी। क्योंकि इस मंदिर का गर्भगृह भगवान शिव को समर्पित है। लेकिन साल 2016 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक ऑर्डर पास किया कि अगर महिलाओं को गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं है तो पुरुषों के भी जाने पर रोक लगानी चाहिए।मां भगवती मंदिरमां भगवती मंदिर कन्याकुमारी में मौजूद है। यह मंदिर मां भगवती दुर्गा के कन्या रूप को समर्पित है। मां भगवती को सन्यास की देवी भी माना जाता है। इसी वजह से मां भगवती के मंदिर में सन्यासी पुरुष को केवल दरवाजे तक आने की अनुमति है जबकि शादीशुदा पुरुषों को प्रवेश करना सख्त मना है। पुराणों के अनुसार कहा जाता है कि देवी सती की रीढ़ की हड्डी यहां गिरी थी।आट्टुकाल भगवती मंदिरकेरल में मौजूद आट्टुकाल भगवती मंदिर महिलाओं को समर्पित है। इस मंदिर में पुरुषों का प्रवेश वर्जित है। यहां पोंगल त्योहार बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। पोंगल उत्सव के दौरान तीस लाख महिलाओं ने भाग लेकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में इस मंदिर का नाम दर्ज करा चुकी हैं।ब्रह्मा मंदिरपुराणों ने अनुसार एक बार भगवान ब्रह्मा को पुष्कर नदी के तट पर अपनी पत्नी मां सरस्वती के साथ यज्ञ करना था। लेकिन किसी कारणवश मां सरस्वती को पहुंचने में देर हो गई। इस कारण ब्रह्मा जी ने मां गायत्री के साथ शादी कर यज्ञ पूरा किया। इस बात से गुस्सा होकर मां सरस्वती ने भगवान ब्रह्मा को श्राप दे दिया की इस मंदिर में कोई भी शादीशुदा पुरुष को मंदिर के अंदर नहीं आ सकता। इस मंदिर का निर्माण 14वीं ईस्वी में बना था। यह मंदिर राजस्थान के पुष्कर में मौजूद है।

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