आदिवासी महोत्सव में होगा बॉक्सर मैरीकॉम का सम्मान
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जनजातीय कला, संस्कृति, व्यंजन और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय जनजातीय पर्व आदि महोत्सव के समापन समारोह में केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम भारतीय महिला बॉक्सर मैरीकॉम को सम्मानित करेंगे। आदिवासी सहकारी संगठन ट्राईफैड के अध्यक्ष एवं महाप्रबंधक प्रबीर कृष्ण ने गुरूवार को यहां बताया कि आदि महोत्सव का आयोजन 16 से 30 नवंबर तक किया गया है। कल इसके समापन समारोह में जुएल महिला बॉक्सर मैरीकॉम को उनकी असाधारण उपलब्धि के लिए सम्मानित करेंगे। सुश्री मैरीकॉम ने विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में लगातार छह बार स्वर्ण पदक जीतकर नया इतिहास रचा है। यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह पहली महिला हैं। सुश्री मैरीकॉम ट्राइफैड की ब्रांड एम्बेस्डर भी हैं। उन्होंने बताया कि महोत्सव में जनजातीय कला एवं शिल्प, औषधियों और विभिन्न प्रकार के व्यंजनों की प्रदर्शनी एवं बिक्री और जनजातीय लोककला का प्रदर्शन किया गया है। इस आयोजन में देश के 23 राज्यों के जनजातीय कलाकार, नर्तक और संगीतकार मौजूद रहे और अपनी समृद्ध पारंपरिक संस्कृति की झलक दिखायी। महोत्सव में 100 स्टॉल लगाए गये। महोत्सव में अलग-अलग राज्यों से 200 से अधिक जनजातीय कलाकारों ने एक छोटे भारत की झलक पेश की।महुआ से शराब, ताड़ से ताड़ी और इमली की चटनी बनाते दिखाना, लाख से चुड़ियों का निर्माण, विभिन्न पेंटिंग , जनजातीय कपड़ों के फैशन शो, जनजातीय व्यंजनों और विभिन्न राज्यों से आए जनजातीय सामानों की बिक्री आदि महोत्सव की खासियत रही। बिक्री और प्रदर्शनी के लिए रखी गई वस्तुओं में भंडारा, महेश्वरी बाग, संभलपुरी, तासर, कांथा, सिल्क साड़यिों के संग्रह, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के सूती कपड़े, पुरुषों के लिए मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं झारखंड के सूती, ऊनी, और सिल्क के जैकेट, कुर्ता, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश एवं आंध्र प्रदेश से बेल मेटल, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा एवं मध्य प्रदेश की पेंटिंग्स, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड एवं जम्मू-कश्मीर के ऊनी कपड़े, विभिन्न राज्यों के मधु, मसाले, मेवे इत्यादि, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, पूर्वोत्तर, मध्य प्रदेश, तेलंगाना से जनजातीय गहने, मणिपुर और राजस्थान के मिट्टी के बर्तन, राजस्थान, पूर्वोत्तर, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के घर के सजावटी सामान, गुजरात, तेलंगाना, झारखंड के थैले और पश्चिम बंगाल, झारखंड एवं केरल से घास के बने कालानी-चटाई और नारियल रेशा से बने सामान शामिल हैं।
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