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सरकार की नीतियों से परेशान हैं असम के किसान


विपक्ष केे नेता देवब्रत सैकिया मानते है कि असम जैसे कृषि पर निर्भर राज्य में सरकार किसानों पर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रही है। किसानों को कर्ज लेने के लिए 120 फीसदी तक बैंक को गारंटी देने को कहा जाता है अगर किसान इतने ही सक्षम होते तो वे कर्ज क्यों लेते। गुरूवार को पत्रकारों के सामने विरोधी दल के नेता सैकिया ने किसानों को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मख्यमंत्री सर्वानंद साेनोवाल के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान से लोगो के मन में उम्मीद बढ़ी है।लेकिन कुछ खास हुआ नहीं एक दो मामलों को छोड़कर किसी की भी जांच प्रक्रिया हाथ में नहीं ली गर्इ है। साथ उन्होंने कृषि विभाग के ट्रैक्टर खरीद घोटाले का भी जिक्र किया आैर कहा कि इन सारे मामलों की जांच सीबीआर्इ या कोर्ट के जज से करवानी चाहिए। सैकिया ने कहा कि राज्य के किसानों को आज तक ट्रैक्टर वितरित नहीं किया गया है। बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। असम काे-आपरेटिव बैंक को इसके लिए लीड बैंक बताया गया है। वहां किसानों को 120 फीसदी बैंक को गारंटी देने को कहा गया अगर किसान इतना ही सक्षम होते तो वे कर्ज लेने क्यों जाते।नेता विरोधी दल ने कहा कि सरकार की आेर से बनार्इ जा रही किसानों के हित में सारी घोषणायें जुमलेबाजी है। कृषि के लिए कोर्इ भी सही नीति नहीं बनार्इ गर्इ है। किसानों को खेती के लिए पानी भी नहीं मिल पा रहा है। एेसे में खेती कैसे हो पायेगी।सैकिया ने कहा कि गांवो को लेकर पहले ध्यान देना होगा तभी आर्थिक हालात ठीक हो पायेंगे। तभी राज्य में निवेश का महौल ठीक होगा। साथ ही उन्हाेने चाय बागान आैर बागान मजदूरों को लेकर गहरी चिंता जतार्इ है। यहां तक की शिक्षा आैर स्वास्थ्य को लेकर भी सरकार की नीति को बेकार ही बताया है।

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