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CBI जांच के खिलाफ उतरे 383 जवान, SC में दायर की याचिका


मणिपुर एनकाउंटर मामले में सीबीआर्इ जांच का विरोध करते हुए सेना के 383 जवानों और अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। बता दें कि पिछले 20 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई टाल दी थी। अब इस मामले पर 4 सितंबर को सुनवाई होनी है। इससे पहले भी करीब साढ़े तीन सौ जवानों और अधिकारियों ने याचिका दायर की थी। याचिका दायर करने वाले जवानों और अधिकारियों की कुल संख्या 745 तक पहुंच गई है। बता दें कि इस याचिका पर जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी। ये वही बेंच है जो मणिपुर में सेना के कथित फर्जी मुठभड़ों के मामलों की सुनवाई कर रही है। पिछले 14 अगस्त को जवानों और अधिकारियों की तरफ से वकील ऐश्वर्या भाटी ने कहा था कि ऐसे ऑपरेशन की सीबीआई जांच का आदेश देना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक है। ऐश्वर्या भाटी ने इस याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने का आदेश दिया था।याचिका में कहा गया है कि आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल प्रोटेक्शन एक्ट (एएफएसपीए) से सेना को गड़बड़ी वाले इलाकों में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के दौरान सुरक्षा मिली हुई है। अगर इन कार्रवाईयों में सेना की जांच सीबीआई करेगी, तो उनके मनोबल पर असर पड़ेगा। याचिका में मणिपुर में कथित फर्जी एनकाउंटर मामलों की जांच के लिए सीबीआई जांच कराने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का विरोध किया गया है।गौरतलब है कि 14 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में सेना द्वारा किए गए एनकाउंटर के 62 मामलों में सीबीआई जांच का आदेश दिया था। 12 फरवरी को कोर्ट ने सीबीआई से पूछा था कि केवल मृत लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों किए गए हैं? सेना और पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं दर्ज किए गए? मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को निर्देश दिया था के वे अपने तीन अधिकारियों को एसआईटी में शामिल करें, ताकि तेजी से टास्क पूरा हो सके। इसके साथ ही जांच की प्रक्रिया धीमी होने पर सुप्रीम कोर्ट ने नारजगी जताते हुए सीबीअार्इ डायरेक्टर आलोक वर्मा को कोर्ट में तलब कर किया था। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर को इस मामले पर तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया। कोर्ट ने एसआईटी और सीबीआई को निर्देश दिया कि आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए या फिर उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जाए।

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