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Sushma Swaraj Death Anniversary: सुषमा स्वराज थी सुपरमॉम ऑफ इंडिया! वजह जानकर करेंगे सलाम


आज सुषमा स्वराज की पुण्यतिथि है। सुषमा स्वराज की गिनती उन राजनेताओं में की जाती है जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अपने अपने काम और भाषण से देश-दुनिया में अलग पहचान बनाई। वे सरहद पार लोगों की मदद करने में आगे रहीं। विदेशी मंत्री रहते हुए उन्होंने UN कई अहम मुद्दों को उठाया और मानवीय दृष्टिकोण के कई कई अनुपम उदाहरण पेश किए। संस्कृत और पॉलिटिकल साइंस से ग्रेजुएशन करने वालीं पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को सुपरमॉम ऑफ इंडिया भी कहा जाता है। वॉशिंगटन पोस्ट ने अपने आर्टिकल में उन्हें यह नाम दिया था। यह नाम देते हुए आर्टिकल में इसकी कई वजह भी बनाई गई थीं।यह भी पढ़े :पश्चिम बंगाल में ED की कार्यवाही के बीच PM मोदी से मिलीं ममता बनर्जी, इन मुद्दों पर हुई चर्चासुषमा स्वराज ऐसी राजनेता रहीं जिनके काम करने के खास अंदाज के कारण हाई प्रोफाइल माना जाने वाला विदेश मंत्रालय भारतीयों का मंत्रालय के नाम से जाना गया। जिसका मकसद विदेश में मुश्किलों का सामना कर रहे भारतीयों को बचाना भी था। 2014 से 2019 तक अपने 5 साल के कार्यकाल में उन्होंने 186 देशों में फंसे 90 हजार से अधिक भारतीयों की मदद की। पिछले कुछ महीने पहले जब यूक्रेन और रूस के बीच जंग छिड़ी तो भी वहां फंसे भारतीयों को सुषमा स्वराज याद आईं। उन्होंने लिखा, कैसे वो एक ट्वीट पर विदेश में फंसे भारतीय को लाने के लिए विमान भेज देती थीं।पीएम नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में उन्होंने विदेश मंत्री पद पर रहते हुए देश और दुनिया का दिल जीता। सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने संकट में फंसे प्रवासी भारतीयों को मदद पहुंचाकर मानवता का फर्ज भी निभाया। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कहा था कि अगर आप मंगल ग्रह पर भी फंस गए हैं तो भी भारतीय दूतावास आपकी मदद के आगे आएगा। उन्होंने जैसा कहा, वैसा किया भी। सोशल मीडिया पर लोगों की गुहार सुनने और उनकी मदद करने के कारण वॉशिंगटन पोस्ट ने उन्हें सुपरमॉम का नाम दिया। पाकिस्तान हो या यमन के युद्ध में फंसे भारतीय, सभी की सुरक्षित वापसी कराई।ये भी पढ़ेंः पश्चिम बंगाल में ED की कार्यवाही के बीच PM मोदी से मिलीं ममता बनर्जी, इन मुद्दों पर हुई चर्चा2015 में यमन में सऊदी गठबंधन सेना और हूती विद्रोहियों के बीच जंग चल रही थी।इस दौरान यमन में कई भारतीय कामगार फंस गए थे। उन्होंने सुषमा स्वराज से मदद की गुहार लगाई। जंग के बीच किसी भी देश के विमान के लिए वहां पहुंचना संभव नहीं था। ऐसे में सुषमा स्वराज की पहल के बाद भारतीय सरकार ने सऊदी अरब से जंग को रोकने के लिए कहा था। उन्होंने अपनी कूटनीति से सऊदी अरब को जंग रोकने के लिए राजी कर दिया है। उनकी पहल के बाद जंग रुकी। हालात सामान्य हुए और वहां पर फंसे 5 हजार से अधिक भारतीयों की वतन वापसी हुई। इसे ऑपरेशन राहत का नाम दिया गया।

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