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नफरती भाषण देने वालों के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेने की रखी मांग, वकीलों ने CJI को लिखी चिट्ठी


हाल के दिनों में हरिद्वार और दिल्ली में दिए गए नफरती भाषणों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court lawyers ) के कई वकीलों ने चिंता जताई है. करीब 76 वकीलों ने इसको लेकर मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना (Chief Justice NV Ramana) को एक चिट्ठी लिखी है. इसके जरिए इन्होंने स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया है. बता दें कि एक धर्म संसद के दौरान मुसलमानों के खिलाफ नरसंहार ( Hate speeches were given for genocide against Muslims) के लिए नफरत भरे भाषण दिए गए थे.चिट्ठी में वकीलों ने कहा कि दिल्ली में हिंदू युवा वाहिनी (Hindu Yuva Vahini ) और हरिद्वार में यति नरसिंहानंद (Yeti Narasimhanand ) द्वारा आयोजित दो अलग-अलग कार्यक्रमों में 17 और 19 दिसंबर 2021 के बीच, नफरत भरे भाषणों में मुसलमानों के नरसंहार के लिए खुला आह्वान किया गया.क्या है आरोपधर्म संसद में हिंदुत्व और मुसलमानों को लेकर साधु-संतों के विवादित भाषणों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इन वीडियो में संतों और धर्मगुरुओं ने धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र उठाने, मुस्लिम प्रधानमंत्री न बनने देने, मुस्लिम आबादी न बढ़ने देने और कॉपी-किताब त्यागने जैसे बयान दिए हैं.सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में यति नरसिंहानंद ने कहा, ‘आर्थिक बहिष्कार से काम नहीं चलेगा. हिंदुओं को खुद को अपडेट करने की जरूरत है. तलवारों की बात भूल जाओ. तलवारें मंच पर ही अच्छी लगती हैं. ये लड़ाई बेहतर हथियार वाले लोग ही जीतेंगे. झूठी बातों में मत रहना. ज्यादा से ज्यादा बच्चे और अच्छे हथियार ही तुम्हें बचाने वाले हैं. सबको अपने घर परिवार खुद बचाने होंगे.’अभी तक कोई गिरफ्तारी नहींहरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा भड़काने के लिए कथित तौर पर नफरत भरे भाषण देने के सिलसिले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है. हरिद्वार कोतवाली थाने के एसएचओ रकिंदर सिंह ने बताया कि ज्वालापुर के एक निवासी की शिकायत पर जितेंद्र नारायण त्यागी और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. त्यागी का नाम पहले वसीम रिजवी था. उन्होंने कहा कि वह इस महीने की शुरुआत में धर्म परिवर्तन करने के बाद हिंदू बने थे.

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