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दक्षिण अफ्रीका में जहां से निकला ओमीक्रोन वेरिएंट, वहीं मच गया कोहराम, सामने आई ऐसी होश उड़ाने वाली रिपोर्ट


कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Covid 19 Variant) ने एक बार फिर पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। WHO लगातार इस नए वेरिएंट को लेकर सावधान रहने की सलाह दे रहा है। नया वैरिएंट भारत में तबाही मचाने वाले डेल्टा वैरिएंट (delta variant) से भी ज्यादा संक्रामक हो सकता है। वहीं दक्षिण अफ्रीका के जिस प्रांत से ओमीक्रोन वेरिएंट सबसे पहले सामने आया था, वहां अस्‍पतालों में मरीजों की संख्‍या 330 फीसदी बढ़ गई है।दक्षिण अफ्रीका (corona cases in south africa) के गौटेंग प्रांत में आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस सप्‍ताह कोरोना (Corona) से पीड़‍ित लोगों को अस्‍पताल में भर्ती कराए जाने के 580 मामले सामने आए हैं। अगर दो सप्‍ताह के आंकड़ों पर गौर करें तो करीब 330 फीसदी की वृद्धि हुई है। गौटेंग प्रांत में ही दक्षिण अफ्रीका की राजधानी जोहानिसबर्ग भी आती है। इस प्रांत के केवल 40 फीसदी लोगों को ही कोरोना वैक्‍सीन (corona vaccine) का कम से कम एक डोज लगा है। इस इलाके में पिछले साल ओमीक्रोन वेरिएंट (Omicron Variant) के 77 मामले सामने आए थे और दुनिया के कई विशेषज्ञों को यह डर सता रहा है कि ओमीक्रोन सबसे ज्‍यादा संक्रामक वेरिएंट हो सकता है। वहीं WHO का कहना है कि ओमिक्रॉन सहित SARS-CoV-2 के फैल रहे तमाम वैरिएंट्स को बेहतर ढंग से समझने के लिए सर्विलांस और सीक्वेंसिंग के प्रयास बढ़ाने होंगे। जहां तक संभव हो, प्रभावित इलाकों की जांच और प्रयोगशालाओं का मूल्यांकन करें ताकि ओमिक्रॉन ((Omicron Covid 19 Variant)) के व्यवहार को समझा जा सके। यदि वैरिएंट किसी कम्यूनिटी में फैल रहा है तो इसके लिए कम्यूनिटी टेस्टिंग होनी चाहिए। PCR टेस्ट में S gene target failure (SGTF) ओमिक्रॉन का संकेत दे सकता है, जिससे नए वैरिएंट को आसानी से डिटेक्ट किया जा सकता है। कोविड-19 वैक्सीनेशन कवरेज को जितना संभव हो तेज करें। खासतौर से उस आबादी पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है जो अभी तक अनवैक्सीनेटेड है या पूरी तरह से वैक्सीनेट नहीं हुई है। अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं के दौरान जोखिमों को नजरअंदाज ना करें।

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