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दिवाली से पहले किसानों और मजदूरों की किस्मत खुली, ये सरकार देगी 416 करोड़ रुपए


पंजाब सरकार ने कपास पट्टी के किसानों और मजदूरों (cotton producing farmers) को राहत देने के लिए कदम उठाते हुए गुलाबी सूंडी से खराब हुई कपास की फसल के मुआवजों के लिए 416 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि जारी करने का ऐलान किया है। राजस्व एवं पुनर्वास मंत्री अरुणा चौधरी और कृषि मंत्री रणदीप सिंह नाभा (Agriculture Minister Randeep Singh Nabha) ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि गुलाबी सूंडी से मानसा, संगरूर, बठिंडा, श्री मुक्तसर साहिब और बरनाला में कपास का भारी नुकसान हुआ, जिस कारण किसानों और कपास बीनने वाले मजदूरों के हितों को ध्यान में रखते हुए कुल 416,18,07,828 रुपए की राशि जारी की जा रही है। यह राशि किसानों और मजदूरों को राहत के तौर पर देने के लिए दीवाली से पहले उपायुक्तों के खातों में भेज दी जाएगी, जिसका भुगतान किसानों और मजदूरों को सीधे किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राशि का 10 प्रतिशत कपास बीनने वाले मजदूरों (cotton producing farmers) को राहत के तौर पर दिया जाएगा। पंजाब सरकार (Punjab Government) किसानों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है और उसकी तरफ से किसानों के कल्याण के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। मजदूरों, किसानों समेत हर वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। कपास पट्टी में इस बार तकरीबन 7 लाख 51 हजार एकड़ क्षेत्रफल में कपास की बुवाई की गई तथा इसमें से तकरीबन चार लाख एकड़ क्षेत्रफल में गुलाबी सूंडी से नुकसान हुआ है। मंत्रियों ने कहा कि कि 26 से 32 प्रतिशत नुकसान के लिए 2000 रुपए प्रति एकड़, 33 से 75 प्रतिशत नुकसान के लिए 5400 रुपए प्रति एकड़ और 76 से 100 प्रतिशत नुकसान के लिए 12 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है। यह मुआवजा आज तक का सबसे अधिक है। इससे पहले पिछली बार पूरी फसल खराब होने पर किसानों को 8000 रुपए प्रति एकड़ और कपास बीनने वाले मजदूरों को राशि का 5 प्रतिशत दिया गया था। नाभा ( Randeep Singh Nabha) ने बताया कि सरकार द्वारा इस तरह के नुकसान से बचने के लिए अत्याधुनिक तकनीक लाई जा रही है। कृषि कानूनों के विरुद्ध संघर्ष करते हुए शहीद हुए किसानों के परिवारों के 157 सदस्यों को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं, जो कांग्रेस सरकार की किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता को प्रकट करते हैं। दोनों मंत्रियों ने बताया कि 8 नवंबर को विधान सभा में कृषि कानूनों और बी.एस.एफ. का दायरा बढ़ाने के मुद्दे पर विशेष बहस करवाई जाएगी। इस मौके पर वित्त आयुक्त राजस्व वी.के. जंजूआ, वित्त आयुक्त कृषि डी.के. तिवारी और एडीशनल सचिव राजस्व कैप्टन करनैल सिंह भी उपस्थित थे।

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