कोविशील्ड वैक्सीन लगवा चुके 50 लाख लोगों को लग सकता है बड़ा झटका, जानिए कैसे
ब्रिटेन के करीब 50 लाख नागरिकों को यूरोप की यात्रा करने से प्रतिबंधित किया जा सकता है क्योंकि उन्हें भारत में निर्मित कोरोना वैक्सीन का डोज दिया गया है। यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) ने अभी तक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित टीके कोविशील्ड को मान्यता नहीं दी है, हालांकि ये एस्ट्राजेनेका जितना ही प्रभावी है। कोविशील्ड का टीका लगवाने वालों को डिजिटल कोविड पासपोर्ट पर बैच नंबरों की जांच करने के दौरान यूरोपीय संघ की सीमा में प्रवेश करने से रोका जा सकता है। ईयू डिजिटल कोविड सर्टिफिकेट उन लोगों को अनुमति देता है जिन्हें टीके की दोनों डोज लगाई गई हों, ताकि वो बिना क्वारंटीन या टेस्ट के यूरोप की यात्रा कर पाएं। फिलहाल ईएमए ने जिन वैक्सीन को मान्यता दी है उनमें फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन और यूरोप में बनी ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन शामिल हैं।यूरोप के नौ देश कोविशील्ड को मान्यता दे चुके हैं। कोविशील्ड को स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्लोवेनिया, ग्रीस, आइसलैंड, इस्टोनिया, आयरलैंड और स्पेन में मंजूरी मिल चुकी है। भारत ने 27 देशों के यूरोपीय संघ से आग्रह किया है कि वह भारतीयों को यूरोप की यात्रा करने की अनुमति पर विचार करें। इससे पहले यूरोप के कई देशों ने खून के थक्के से जुड़े मामले मिलने के कारण कोविशील्ड के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी थी।
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