40 साल बाद अफगानिस्तान से अमेरिका और नाटो सेना की वापसी
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की घोषणा के मुताबिक आधिकारिक रूप से अफगानिस्तान से अमेरिका और नाटो सेना की वापसी शुक्रवार से शुरू हो गई है। अमेरिकी सेना ने तालिबान को बाहर करने और 9/11 हमले के अल कायदा अपराधियों का शिकार करने के लिए अपने युद्ध के केंद्र बगराम एयरफील्ड को छोड़ दिया है। यहां से लगभग दो दशक (40 साल) बाद अमेरिकी सेना की वापसी हो रही है। अमेरिका ने एक मई से सेना वापसी का निर्णय लिया था। पूरी सेना की वापसी 11 सितंबर 2021 तक होगी। इसी दिन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में हुए हमले को 20 साल हो जाएंगे। अफगानिस्तान में वर्तमान में 2500 से ज्यादा अमेरिकी और 7000 नाटो देशों के सैनिक तैनात हैं। सेना अपने साजो सामान का हिसाब-किताब कर रही है। कुछ सामान और हथियार लिस्ट बनाकर अफगानिस्तान की सेना को सौंपे जा रहे हैं। कुछ सामान अफगानिस्तान के बाजार में बेचा गया है और जो उपकरण अमेरिका ले जाने हैं, उनको सी-17 कार्गो विमान में लादा जा रहा है। इससे पहले अफगानिस्तान में शीर्ष अमेरिकी सैन्य कमांडर ने कहा है कि अमेरिका की सेना लौटने के बाद यहां गृहयुद्ध का खतरा बढ़ जाएगा। सीनियर सैन्य कमांडर जनरल स्कॉट मिलर का यह बयान अफगानिस्तान के 370 में से 50 जिलों में तालिबान का कब्जा होने के खुलासे के ठीक बाद में आया था। तालिबान ने अफगानिस्तान के राज्यों की राजधानियों के पास वाले शहरों तक अपना कब्जा कर लिया है जिससे चिंताएं बढ़ गई हैं। अमेरिकी कमांडर ने कहा, अफगानिस्तान में हालात ठीक नहीं लग रहे हैं। गृह युद्ध का खतरा सिर पर है और अगर तालिबान इसी तरह बढ़ता रहा, तो हालात काबू से बाहर हो सकते हैं।
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