आज से चार महीनों तक मांगलिक कार्यों पर लगा विराम, लेकिन अब आपको रहना होगा ज्यादा सावधान, जानिए क्यों
शुक्रवार यानि आज से आषाढ़ का महीना शुरू हो गया है। हिंदी महीनों के अनुसार आने वाला यह चौथा महीना है और इस महीने में देवशयनी एकादशी से चार महीने के लिए मांगलिक कार्यों पर पूरी तरह से विराम लग जाता है। भगवान विष्णु क्षीर सागर में शयन के लिए चले जाते हैं। वहीं गुरु पूर्णिमा से संतों का चातुर्मास शुरू होगा, जिसमें साधु-संत एक जगह ठहर कर जप-तप करेंगे।हिंदी पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह वर्ष का चौथा महीना होता है। आषाढ़ मास का विशेष धार्मिक महत्व शास्त्रों में बताया गया है। आषाढ़ के महीने में की गई पूजा पाठ का विशेष पुण्य प्राप्त होता है। इस मास में भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। इस मास में पडऩे वाली एकादशी तिथियों का विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है। इस मास में चातुर्मास शुरू होते हैं, चातुर्मास में मांगलिक और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। इस महीने में प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा का भी आयोजन होता है। माह की समाप्ति 24 जुलाई आषाढ़ पूर्णिमा के दिन होगी। इस महीने के साथ ही बारिश की शुरुआत होने के कारण मौसम में नमी रहती है। खान-पान का ध्यान नहीं रखा जाए तो जल्द ही संक्रमण घेर सकता है। ऐसे में खुद की सावधानी के साथ ही दूसरों को भी परेशानी से बचाया जा सकता है।
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