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पुलिस ने किया साइबर ठगों का भंडाफोड़, 16 हजार सिम कार्ड हुए जब्त, बड़ी संख्या में मोबाइल भी बरामद


उड़ीसा के कटक में एक कथित साइबर क्राइम सिंडिकेट का भंडाफोड़ करने पर सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनके पास से 16,000 से अधिक सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। भुवनेश्वर-कटक के पुलिस आयुक्त, एसके प्रियदर्शी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया, “दो सेवा प्रदाताओं सहित 7 लोगों की गिरफ्तारी के साथ एक साइबर अपराध सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया गया था, जो पहले से सक्रिय सिम बना रहे थे और उन्हें पैसे के बदले राज्य के बाहर भेज रहे थे। 16,000 सिम बरामद किए गए। ये सिम फर्जी आईडी का उपयोग करके बनाए गए थे। जानकारी के मुताबिक, फुटेज में देखा गया है कि आरोपियों के पास से बड़ी संख्या में मोबाइल भी बरामद किए गए हैं। आमतौर पर, एक सिम कार्ड तभी सक्रिय होता है जब हम उसे किसी सेवा प्रदाता से पहचान दस्तावेज जमा करके प्राप्त करते हैं। पहले से सक्रिय किए गए सिम कार्ड अपराधियों द्वारा पसंद किए जाते हैं क्योंकि उनका पता नहीं लगाया जा सकता है। ऐसे सिम कार्ड की मांग केवल आर्थिक अपराध और धोखाधड़ी सहित साइबर अपराधों में वृद्धि के साथ बढ़ी है। पिछले साल जारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 में पिछले वर्ष की तुलना में साइबर अपराध के मामलों में 63.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। फिशिंग, ट्रोजन या मैलवेयर के माध्यम से फ्रॉडस्टर आपके बैंकिंग अकाउंट और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर की जानकारी पाते हैं। इसके लिए मोबाइल एसएमएस या ईमेल का इस्तेमाल करते हैं। कई बार सोशल मीडिया पर मैसेज भेजकर भी वह इस काम को अंजाम देते हैं। सोशल मीडिया पर मोबाइल नंबर या ईमेल जैसी जानकारी सार्वजनिक करने से बचें। किसी अनजान कॉल पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे जन्म तिथि, बैंक खाता नंबर, आधार नंबर आदि देने से भी बचना चाहिए। एसएमएस और ईमेल के जरिये भी बेहद आकर्षक लगने वाली पेशकश की जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के मेल और एसएमएस को क्लिक करना तो दूर इन्हें तुरंत डिलिट कर दें।

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