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Bhaiya Dooj Today : भैया दूज आज, होली के अगले दिन क्यों मनाया जाता है ये पर्व, जानिए पैराणिक कथा


आज यानि 30 मार्च 2021 को भाई दूज का पर्व है। यह पर्व रक्षाबन्धन की तरह ही भाई और बहन के स्नेह का प्रतीक है। बहनें इस दिन भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसके उज्जवल भविष्य और लम्बी उम्र की भगवान से कामना करती है।इस बार यानी इस साल होली की भाई दूज 30 मार्च दिन मंगलवार को तो दिवाली की भाईदूज 06 नवंबर को मनाई जाएगी। ऐसे में हम आज आपको भाई दूज से जुड़ी दो कथाएं बता रहे हैं।ज्ञात हो कि भाई दूज के त्यौहार को बहन भाई दूज की कथा सुनने के बाद मनाती है। ऐसे में हर साल में दो बार आने वाले इस भाई दूज (जो होली के बाद आता है) और भैया दूज ( जो दिवाली के दो दिन बाद आता है) का पर्व भाई बहन के स्नेह को सुदृढ़ करता है। लेकिन भाई दूज व भैया दूज की कथा के बारे में शायद बहुत कम लोग जानते हैं।भाई दूज (होली) जानिये क्या है कथा...पौराणिक कथा के अनुसार, एक नगर में एक बुढ़िया रहती थी। उसकी एक पुत्र और एक पुत्री थी। बड़े होने पर बुढ़िया ने अपनी पुत्री की शादी कर दी।ऐसे में एक बार बुढ़िया के पुत्र ने उससे होली के अगले दिन अपनी बहन के यहां जाकर तिलक कराए जाने की बात कही। मां से इजाजत मिलने के बाद, लड़का बहन के घर जाने के लिए निकला। रास्ते में जाते में उसे एक नदी मिली। इसे पार करते वक्त नदी ने उससे कहा, मैं तेरा काल हूं और मैं तेरी जान लूंगी। इस पर लड़का बोला, पहले मैं अपनी बहन से तिलक करा लूं फिर मेरे प्राण हर लेना।अब लड़का कुछ आगे ही बढ़ा था कि जंगल में उसे एक शेर मिल गया। उसने भी उसे खा जाने की बात कही तो बुढ़िया के बेटे ने शेर से भी यही कहा कि पहले मैं अपनी बहन से तिलक करा लूं फिर मुझे खा लेना। वह कुछ ओर आगे चला ही था कि उसे एक सांप मिला, सांप से भी उसने यही कहा कि पहले मैं अपनी बहन से तिलक करा लूं फिर मेरे प्राण हर लेना।ऐसी तमाम परेशानियों को झेलता हुआ वह अपनी बहन के घर पहुंचा। उस समय उसकी बहन सूत कात रही थी। लड़का जब तिलक करा रहा था तो वह परेशान था।इस पर बहन ने उससे इसका कारण पूछा। तो उसने बहन को अपनी परेशानी का कारण बता दिया। यह सुनकर लड़के की बहन ने भाई को रुकने का कहा और खुद पास के तालाब गई।जहां एक बुढि़या रहती थी। उससे उसने भाई की समस्या का समाधान पूछा। बुढ़िया ने बताया कि यह तेरे ही पिछले जन्मों का कर्म है, जो तेरे भाई को भुगतना पड़ रहा है। अगर तू अपने भाई को बचाना चाहती है तो उसकी तुम सहायता करो, जिससे तुम्हारा भाई बच सकता है।बहन ने कहा कि भाई रुक मैं तुझे छोड़ने घर चलूंगी। साथ ही बहन ने अपने साथ मांस, दूध और ओढ़नी साथ रख ली। दोनों उसी रास्ते से वापस चले, जिस रास्ते से बुढिया का पुत्र आया था, ऐसे में उन्हें पहले शेर मिला।बहन ने शेर के आगे मांस डाल दिया। जिसे वह खाने में मस्त हो गया। यहां से आगे बढ़ने पर उन्हें रास्ते में सांप मिला। बहन ने सांप को देखते ही उसके आगे दूध रख दिया। सांप भी दूध पीकर खुश हो गया।अब अंत में रास्ते में नदी मिली। बहन ने पूरी श्रद्धा से नदी को चुनरी उढ़ा कर नमन किया। बहन के इस व्यवहार से नदी भी खुश हो गई। इस तरह बहन ने भाई की जान बचा ली। मान्यता है कि तभी से होली भाई दूज के दिन बहन से तिलक करवाने पर भाई के जीवन की कई बाधा दूर हो जाती हैं

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