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देश के इन 8 राज्यों में खुलेंगे टॉय क्लस्टर, लकड़ी, ताड़ के पत्ते, बांस और कपड़े से बनेंगे खिलौने, पैदा होंगे रोजगार


केंद्र सरकार ने देश के 8 अलग-अलग राज्यों में टॉय मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स को मंजूरी दी है। अब देश में टॉय क्लस्टरों के जरिए पारंपरिक खिलौना उद्योग को विकास किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इनके निर्माण पर 2,300 करोड़ रुपए की लागत लगेगी। इन टॉय टॉय क्लस्टर में लकड़ी, लाह, ताड़ के पत्ते, बांस और कपड़ों के शानदार खिलौने बनाए जाएंगे, जिससे रोजगार पैदा होगा और पारंपरिक खिलौना उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा। एक अधिकारी ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य खिलौने में चीन का वर्चस्व कम करना है। जानकारी के लिए बता दें कि देश में 90% खिलौने चीन और ताईवान से आते हैं। सरकार खिलौने निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह योजना शुरू की है। रिपोर्ट के मुताबिक खिलौना उद्योग में करीब 4,000 MSME कारोबार कर रहे हैं। वाणिज्य मंत्रालय के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) मंत्रालय मौजूदा योजनाओं, जैसे स्कीम ऑफ फंड फॉर रिजनरेशन ऑफ ट्रेडिशनल इंडस्ट्रीज (स्फूर्ति) के तहत खिलौने क्लस्टर्स का विकास किया जाएगा। एक अधिकारी ने कहा कि सरकार मौजूदा स्कीम के तहत 8 नए टॉय क्लस्टर्स को मंजूरी दे दी है। जिसमें मध्यप्रदेश में 3 क्लस्टर्स बनाए जाएंगे और राजस्थान में 2, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडू में एक-एक टॉय मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स बनाए जाएंगे। MSAE मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि “सरकार क्लस्टर्स बनाने के लिए बेहद तेजी से काम कर रही है। टॉय क्लस्टर्स को स्थापित करने में 6 महीने लगेंगे। हाल में जो मौजूदा क्लस्टर्स हैं उनमें कौशल विकास, कॉमन फैसिलिटी सेंटर्स, रीहाउसिंग फैसिलिटीज और मार्केटिंग जैसी सुविधाओं का निर्माण और लोकल उद्योग को ई-कॉमर्स असिस्टेंस जैसे प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं”।

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