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महज पेट दर्द की जांच कराने अस्पताल गई थी महिला, 5 साल है अस्पताल में भर्ती, अब तक आया 6 करो़ड़ का बिल


करीब 5 साल पहले पेट दर्द की जांच कराने अस्पताल पहुंची पूनम को आज तक छुट्टी नहीं मिल पाई है। उन्हें अस्पताल में दाखिल हुए 1921 दिन गुजर चुके हैं, लेकिन उनके ठीक होने या डिस्चार्ज होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। यह शायद अस्पताल में इलाज की भारत की सबसे लंबी कहानियों में से एक है। उनके इलाज का बिल अब 6 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है। परिजन इस मामले में अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हैं।हमेशा खुश रहने वाली 33 साल की पूनम कभी एक्सेंचर कंपनी के साथ बिजनेस रिपोर्टिंग एनालिस्ट के तौर पर काम करती थीं> आज वे मुश्किल से हिल और बोल पाती हैं। डॉक्टरों ने कथित रूप से पांच साल पहले ही परिवार को शरीर घर ले जाने के लिए कह दिया था। हालांकि, परिवार को उम्मीद है कि अगर सही तरीके से इलाज किया गया, तो पूनम घर लौट सकती हैं। परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस और सरकार के सामने शिकायत दर्ज कराने के बाद भी कोई मदद नहीं मिली है।उन्होंने बताया कि पहले अस्पताल की तरफ से तैयार किए गए कागजातों में भी पूनम स्वस्थ थीं, लेकिन जैसे ही हॉस्पिटल को अंदाजा हुआ कि उन्होंने कुछ गलत किया है, तो उन्होंने मेडिकल समरी में छेड़छाड़ कर दी। नायर ने आरोप लगाया कि कागजों में छेड़छाड़ कर बताया गया कि जब पूनम अस्पताल आई थीं, तो उसकी हालत गंभीर थी। नायर ने कहा, अक्टूबर 2015 में अस्पताल लगातार कह रहा था कि पूनम 3 हफ्तों से ज्यादा नहीं जी पाएगी, हालांकि, पूनम की जीने की जिद के चलते अस्पताल कई बार गलत साबित हुआ। उन्होंने बताया कि पूनम शुरुआती कोमा से बाहर आ गई थी।

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