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PM मोदी से भी तगड़ा निकला ये नेता, 72 घंटे में 3 बड़े फैसले लेकर बदल दी बिहार चुनाव की हवा


नीतीश कुमार बिहार में तेजी से बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच अपने राजनीतिक समीकरण को बनाने में लगे हुए हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने पिछले 72 घंटे में विधानसभा के अंदर तीन ऐसे बड़े फैसले लिए हैं, जिनमें राज्य में एनआरसी न कराने और एनपीआर को 2010 के स्वरूप पर कराने का प्रस्ताव पास करने और जाति आधारित जनगणना का महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास कराना शामिल है। माना जा रहा है कि नीतीश के इस मास्टरस्ट्रोक से उन्हें चुनाव जबरदस्त फायदा मिलने वाला है।उधर लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल भी इन्हीं तीनों एजेंडों के सहारे बिहार में अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने में जुटी थी, जिसे नीतीश कुमार ने अमलीजामा पहनाकर अपने वोट बैंक को मजबूत करने के साथ ही यह भी संदेश दिया है कि वो ही बिहार की राजनीतिक के केंद्र हैं। इसी का नतीजा है कि नीतीश कुमार के धुर विरोधी माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के भी सुर बदल गए हैं और अब वो नीतीश कुमार को बिहार का सबसे बेहतर सीएम बता रहे हैं।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा में जातीगत जनगणना कराने का अहम प्रस्ताव पास किया है। आरजेडी के साथ-साथ बीजेपी ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया है। उन्होंने बीजेपी की परवाह किए बगैर आरजेडी द्वारा विधानसभा में लाए गए एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव को पास कर दिया। इसके अलावा बिहार में नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) को मौजूदा स्वरूप के बजाय 2010 की तर्ज पर कराने का फैसला किया है। इसके लिए उन्होंने विधानसभा में एक प्रस्ताव भी पास किया है। अप्रैल के महीने से एनपीआर की प्रक्रिया शुरू होगी।अब हम twitter पर भी उपलब्ध हैं। ताजा एवं बेहतरीन खबरों के लिए Follow करें हमारा पेज : https://twitter.com/dailynews360

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