मारुति का बड़ा फैसला, अब नहीं बनाएगी डीजल कारें, जानें इसके पीछे की वजह

नई दिल्ली: देश की सबसे मशहूर कार बनाने वाली कंपनी मारुति ने एक बड़ा फैसला लिया है। मारुति ने डीजल इंजन वाली कारें न बनाने का फैसला लिया है। मारुति सुजुकी ने संकेत दिया है कि बीएस-VI उत्सर्जन मानदंड लागू होने के बाद वे डीजल इंजन का उत्पादन रोक सकते हैं। कंपनी का कहना है कि उनके पेट्रोल समकक्षों की तुलना में BS-VI नॉमस वाले डीजल इंजनों के निर्माण की लागत काफी बढ़ जायेगी। मारुति सुजुकी भारतीय बाजार में अपनी डीजल कारों के प्रोडक्शन पर कुछ दिनों के लगाम लगाने जा रही है। जिसकी वजह से कंपनी गुड़गांव में अपने डीजल इंजन असेंबली प्लांट को बंद कर सकती है।
कंपनी के इस फैसले के पीछे मुख्य कारण डीजल कारों की कम मांग है। ऐसा माना जा रहा है कि मारुति सुजुकी अब सीएनजी, पेट्रोल और इलेक्ट्रिक कारों पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी। दरअसल पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से लोग सीएनजी और इलेक्टि्रिक व्हीकल्स को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। जिसकी वजह से कंपनी ने ये फैसला लिया है।
इसके अलावा 1 अप्रैल 2020 से नया Bharat-Stage 6 (BS-VI) नॉम्स लागू हो जायेगा। इन मानकों के लागू होने के बाद BS-VI कंप्लेंट पेट्रोल और डीजल इंजन के बीच मूल्य अंतर काफी बढ़ सकता है। ये अंतर लगभग 2 से 2.5 लाख रुपये से अधिक का होगा, जो सीधे तौर पर डीजल कारों की बिक्री को प्रभावित करेगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस समय मारुति सुजुकी अपने गुड़गांव प्लांट में 1.3 लीटर की क्षमता के डीडीआईएस इंजनों का निर्माण करती है। जिनका प्रयोग कंपनी के कुछ मशहूर मॉडलों में किया जाता है जैसे कि बलेनो, अर्टिगा और विटारा ब्रेजा। इस समय इस प्लांट में प्रतिवर्ष 170,000 यूनिट का निर्माण करती है। इसके अलावा ये भी खबर है कि कंपनी अपने 1.3 लीटर की क्षमता वाले डीजल युनिट को 1.5 लीटर क्षमता वाले इंजन से बदलना चाहती है।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2F1J9JY
कोई टिप्पणी नहीं